शादी दो लोगो का बंधन होता है, जिनकी जिंदगी अलग अलग होते हुए भी आपस में जुड़ी होती है। इसलिए एक दूसरे की सेहत एक दूसरे को प्रभावित करती है। एक दूसरे की खुशिया-दुख सब बंट जाते है।ये बात शादीशुदा लोगों पर कमजोरी और अवसाद के प्रभाव का विश्लेषण करते हैु जर्नल ऑफ अमेरिकन गेरिएट्रिक्स सोसायटी में प्रकाशित एक अध्ययन मे कही गई है।
अध्ययन के अनुसार, बुजुर्गों में कमजोरी और अवसाद होने का एक बड़ा कारण उनके जीवनसाथी का ऐसा होना होता है। उम्रदराज महिला या पुरुष में कमजोरी जितनी अधिक होगी, उतना वे अवसादग्रस्त होंगे। साथ ही जितना अधिक अवसाद होगा, उतनी ही अधिक कमजोरी होगी। अगर आप किसी कमजोर शख्स से शादी करते हैं तो शादी के बाद आपके भी कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है और अगर आप किसी अवसाद पीड़ित से शादी करते हैं तो आपके भी डिप्रेशन का शिकार होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि अधिक उम्र वाले पति कम उम्र वाले पति की तुलना में अधिक अवसादग्रस्त और कमजोर होते हैं लेकिन अधिक उम्र वाली पत्नी कम उम्र वाली पत्नी से अधिक अवसादग्रस्त नहीं होती है। हां लेकिन अपेक्षाकृत कमजोर जरूर होती हैं।
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