50 साल के बाद की उम्र में शरीर बीमारियों का घर बनना शुरू हो जाता है और इसकी शुरुआत होती है हाई ब्लड प्रेशर से। इस बात की जानकारी हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने दी है। ऐसे में डॉ. अग्रवाल ने कहा है कि, ब्लड प्रेशर का ध्यान रख के 50 साल से अधिक उम्र में फिट रहा जा सकता है।
लो ब्लडप्रेशर को करें इग्नोर
उच्च रक्तचाप से ही सारी बीमारियां शुरू होती हैं। ऐसे में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को केवल अपने हाई ब्लड प्रेशर का ध्यान रखना चाहिए और लो ब्लड प्रेशर को इग्नोर कर देना चाहिए। सिस्टॉलिक प्रेशर अगर 140 एएएचजी या इससे ज्यादा होता है तो इसे हाई माना जाता है।
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सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर-ब्लड और डायस्टिोलिक प्रेशर
सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर-ब्लड और डायस्टिोलिक प्रेशर में अंतर होता है। सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर-ब्लड प्रेशर की रीडिंग में ऊपरी रीडिंग-दिल के पपिंग साइकल की शुरुआत में नोट किए जाने वाला नंबर होता है, जबकि डायस्टिोलिक प्रेशर रेस्टिंग साइकल के दौरान निम्नतम प्रेशर रिकार्ड करता है। ब्लड प्रेशर मापते वक्त दोनों का ख्याल रखा जाता है।
जर्नल ऑफ लांसेट में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के अनुसार, हमेशा लोग डायस्टोलिक प्रेशर पर ही ज्यादा ध्यान देते हैं, जबकि लोग सिस्टॉलिक प्रेशर पर उचित नियंत्रण नहीं रख पाते। सामान्य तौर पर उम्र के साथ-साथ सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर बढ़ते जाता है, जबकि डायस्टिॉलिक प्रेशर 50 की उम्र के बाद कम होते जाता है। और यहीं से शुरू होती हैं दिल की बीमारियां। दिल के रोगों के लिए बढ़ता सिस्टॉलिक प्रेशर स्ट्रोक जिम्मेदार माना जाता है।
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