ऑटिज्म और कैंसर ... दो ऐसी बीमारी... जिसमें जमीन-आसमान का अंतर है। दोनों के लक्षण और इलाज... हर चीज अलग है। लेकिन फिर भी दोनों में हाल ही में अध्ययनकर्ताओं ने 43 समानताएं खोजी हैं। दरअसल हाल ही में वैज्ञानिकों ने 43 जीनों की खोज की है जो ऑटिज्म का भी कारण बनती है और कैंसर का भी।
अमेरिका के शोधकर्ताओं ने ऐसे 43 विशिष्ट जीन की खोज की है, जिनके कारण ऑटिज्म होता है। लेकिन साथ में ये भी देखा गया है कि इन जीन्स के कारण कैंसर भी होता है। इस कारण शोध में इस बात का निष्कर्ष निकाला गया कि जो दवाएं कैंसर के लिए इस्तेमाल की जाती हैं उनका प्रयोग ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार के इलाज में भी हो सकता है। (वर्तमान में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम का इलाज मौजूद नहीं है।)
कैंसर और ऑटिज्म की कई जीनों में समानता को देखते हुए शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि कैंसर में प्रयोग होने वाली कुछ दवाओं का इस्तेमाल ऑटिज्म रोग में किया जा सकता है। यह शोध ‘ट्रेंड्स इन जेनेटिक्स’ रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के यूएस डेविड एमआईएनडी इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर जैक्लीन क्रॉली ने कहा, “इतनी बड़ी संख्या में जीनों का ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार और कैंसर से संयोजन का यह अद्भुत संयोग वैज्ञानिक साहित्य में पहले कभी सामने नहीं आया था।”
संभावित आम जैविक तंत्र बताते हैं कि कैंसर की चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का प्रयोग न्यूरोडेवलपमेंट विकारों को दूर करने में किया जा सकता है।
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