खर्राटा लेने को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं जबकि यदि इसका तुरंत इलाज न कराया गया तो सीधा दिल पर असर कर सकता है। खर्राटे लेने का अर्थ है फेफड़े में हाइपरटेंशन होना। यानी ठीक से सांस न ले पाना। सांस का सही अनुपात न होने की वजह से खून में ऑक्सीजन का हिसाब बिगड़ जाता है। इसका सीधा असर दिल पर होता है। यही वजह है कि कई बार कार्डियक अटैक नींद के दौरान ही आ जाता है।
दिल के लिए खतरनाक है खर्राटा
खर्राटे लेने से उच्च रक्तचाप का खतरा हो सकता है जो दिल की बीमारी या हार्ट अटैक तक का कारण बन सकता है। बुडापेस्ट (हंगरी) की सेमेलवीज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक खर्राटों से दिल की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। खर्राटे सामान्यत: सांस लेने में रुकावट होने के कारण आते हैं। खर्राटों की तेज आवाज दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है। महिलाओं में खर्राटे के चलते उनके हाइपरटेंशन से ग्रस्त होने का खतरा भी पाया गया।
कारण और लक्षण
नींद में खर्राटा लेने की समस्या को अब्सट्रक्टिव स्लीप एप्नीया(ओएसओ) कहते हैं। इसमें सांस में ऑक्सीजन की कमी और कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। दिल को इसका सही अनुपात नहीं मिल पाता। जिनके दिल में अवरोध है, उनके लिए ओएसओ की गंभीर समस्या का संबंध हार्ट अटैक से है। ओएसओ की गंभीर समस्या को ‘अब्सट्रक्टिव एप्नीया’ कहते हैं। अधिकतर लोगों को इसके लक्षणों के बारे में पता नहीं होता। ये लोग दिन भर आलस महसूस करते हैं। इन्हें ताजगी का अहसास नहीं होता। सोते समय बेचैनी महसूस होना, सांस के अवरुद्ध होने से नींद टूटना, सुबह उठने के बाद सिरदर्द, गला सूखना, बार-बार पेशाब जाना, उठने के बाद भी अच्छा न महसूसना, कुछ भी ठीक से याद न रहना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया' की बीमारी उन लोगों में पायी जाती है जो मोटे होते हैं, जिनकी गर्दन छोटी होती है, जीभ मोटी होती है और गला संकरा होता है।
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