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प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बेड से कैसे उठना चाहिए? डॉक्टर से जानें सही तरीका

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बेड से सावधानी के साथ उठना चाहिए, ताकि उनके मांसपेशियों में खिंचाव या चोट लगने का जोखिम न बढ़ जाए।
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प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बेड से कैसे उठना चाहिए? डॉक्टर से जानें सही तरीका


प्रेग्नेंसी के 9 महीने किसी भी महिला के लिए बहुत खास और जोखिम भरे होते हैं। इस दौरान महिलाओं को न सिर्फ अपने खाने-पीने पर ध्यान देना जरूरी है, बल्कि अपने चलने, फिरने, सोने, उठने और बैठने की स्थितियों पर भी गौर करना जरूरी है। दरअसल, आपकी छोटी सी भूल भ्रूण और आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। इसी तरह लेटकर उठने या खड़े होने के कारण प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने पॉश्चर का खास ध्यान रखने की जरूरत है। बता दें कि गर्भवती महिलाओं को अपनी पीठ और पेट पर तनाव से बचने के लिए बिस्तर से सावधानी से उठने की जरूरत होती है, जो उनके शरीर को आराम और सुरक्षा दोनों के लिए बहुत जरूरी है। बढ़ता हुआ पेट ग्रेविटी के केंद्र को बदल देता है, और गलत हरकतों से महिलाओं असुविधा, मांसपेशियों में खिंचाव या चोट लगने का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में आइए बीकानेर (राजस्थान) के श्रीकृष्ण न्यूरोस्पाइन अस्पताल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट और आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. शैफाली दाधीच तुंगारिया से जानते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं को बेड से कैसे उठना चाहिए? 

गर्भवती महिला को बिस्तर से कैसे उठना चाहिए?

  • सबसे पहले अपने पैर की एड़ी पर दबाव डालें। 
  • इसके बाद मदद और स्थिरता के लिए दाहिने हाथ की कोहनी का उपयोग करें।
  • फिर अपने पेट की मांसपेशियों पर तनाव से बचने के लिए धीरे से अपनी तरफ रोल करें।
  • शरीर का ज्यादा संतुलन बनाए रखने के लिए अपने उल्टे हाथ से बिस्तर को पकड़ें।

  • अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे और स्थिर रूप से बिस्तर से नीचे करें।
  • इस दौरान पेट पर किसी भी तरह के दबाव को कम करने के लिए अपने दूसरे हाथ से अपने पेट को सहारा दें।
  • खड़े होने की तैयारी करते समय संतुलन के लिए दाहिने हाथ से बिस्तर से सहारा लें।
  • अब खड़े होने के दौरान अपनी एड़ियों को जमीन पर दबाएं, इसके साथ ही तनाव से बचने के लिए अपने पॉश्चर को स्थिर रखें।

प्रेग्नेंट महिलाओं इन बातों का भी रखें ध्यान 

  • गर्भावस्था के दौरान, अपनी पीठ के बल लेटने की बजाय करवट में लेटना ज्यादा अच्छा रहता है। इससे आपके गर्भाशय पर दबाव नहीं पड़ता। 
  • सोने के दौरान हर घंटे करवट बदलें, इससे आपके कमर में दर्द और त्वचा में जलन कम होती है। 
  • सोने के दौरान अपने घुटनों के बीच, पेट के नीचे, या कूल्हे के नीचे तकिया जरूर रखें।  
  • अपने शरीर को सहारा देने के लिए ज्यादा तकिए या बॉडी पिलो का इस्तेमाल करें।  
  • हिप्स के दर्द से राहत पाने के लिए फोम या अंडे के आकार का गद्दा इस्तेमाल करें।

बैड से उठने का यह तरीका पेट और पीठ की मांसपेशियों पर तनाव को कम करता है, चक्कर आने की समस्या को रोकता है और शरीर का बेहतर संतुलन बनाए रखने को बढ़ावा देता है। 

Image Credit: Freepik 

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