
सर्दियों के दौरान अक्सर लोग ठंड से बचने के लिए कई तरह उपाय ढूंढते हैं जिसकी मदद से लोग खुद को गर्म रखने की कोशिश करते हैं। ऐसे ही लोग ठंड से बचाव के लिए हीटर का इस्तेमाल करते हैं। बढ़ती ठंड को देखते हुए पैरैंट्स छोटे बच्चों को भी हीटर के सामने बैठाने लगते हैं और उन्हें सर्दी से बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं बच्चों के लिए हीटर जैसे उपकरण कितने फायदेमंद है या फिर ये कितने नुकसानदायक है? आप ही नहीं बल्कि कई ऐसे लोग हैं जिन्हें इसका जवाब मालूम नहीं होगा। यही जानने के लिए हमने बात की पारस अस्पताल , गुरुग्राम में पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी, मदर एंड चाइल्ड यूनिट के एचओडी, डॉक्टर मनीष मन्नान से। जिस पर उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए हीटर का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए और इस दौरान किन सावधानियों का ख्याल रखना चाहिए। तो आइए इस लेख के जरिए डॉक्टर मनीष द्वारा बताई गई जानकारी को समझने की कोशिश करते हैं।
बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है हीटर
हीटर से हवा की नमी होती है खत्म
खुद को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है कि हवा में नमी मौजूद हो, लेकिन जब आप हीटर का इस्तेमाल करते हैं तो ये हवा से नमी को खींच लेता है जिस कारण हवा रुखी हो जाती है। इससे आपके बच्चे की त्वचा और शरीर में भी सूखापन बढ़ने का खतरा भी ज्यादा होता है। अगर बहुत देर तक बच्चा इस माहौल में रहता है तो इससे बच्चे को रक्तस्राव भी हो सकता है।
बच्चे को सांस लेने में हो सकती है परेशानी
जब आप सर्दी के दौरान हीटर का इस्तेमाल करते हैं तो कमरा काफी गर्म हो जाता है जिसे कई बार बच्चे का शरीर सहन करने में असफल हो जाता है। इस दौरान उसे घुटन महसूस हो सकती है और उसे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसलिए बच्चे को हीटर से बनी गर्मी को झेल पाना थोड़ा मुश्किल होता है और वो खुली हवा में जाना चाहता है।
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तापमान के उतार-चढ़ाव से हो सकती है स्वास्थ्य समस्याएं
अक्सर देखा जाता है कि छोटे बच्चों को बार-बार अलग-अलग तापमान में रखा जाता है तो उनका स्वास्थ्य खराब होने लगता है। ऐसे ही हीटर या ब्लोअर के साथ है जब आप हीटर चलाते हैं तो इससे आपका कमरा गर्म हो जाता है और जब आप इसे बंद करते हैं तो कमरा सामान्य हो जाता है। जबकि ये तापमान का उतार-चढ़ाव बच्चे के स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है।
हीटर से हो सकता है SIDS का खतरा
बच्चों को हीटर वाले गर्म कमरे में रखने से आपके बच्चे को अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS) का खतरा रहता है। इसमें बच्चे को घुटन होने के कारण सांस लेने में परेशानी होती है जिस कारण उनकी मौत हो जाती है। ऐसा अक्सर तब देखा जाता है जब बच्चे को बंद कमरे के बीच हीटर के साथ रखा गया हो। जबकी पैरेंट्स की ये आदत काफी गलत है और उन्हें बच्चों को खुली हवा या खुले कमरे में रखने की आदत देनी चाहिए।
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सावधानियां
- बच्चे को कमरे में लाने से पहले ही आप कुछ देर हीटर को चलाकर कमरे को गर्म करना चाहिए।
- हीटर को चालू करते हैं तो इस दौरान आपको पहले दरवाजे और खिड़कियों को कुछ देर खुला रखना चाहिए।
- हीटर या ब्लोअर के इस्तेमाल के दौरान आपको कमरे में गीले तौलिए रखने चाहिए जिससे हवा में नमी बनी रहे। इससे आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर नहीं पडे़गा।
- बच्चे को हीटर के चलते समय हमेशा दूर रखें। अगर बच्चे हीटर और ब्लोअर को छूते हैं तो इससे उन्हें करंट लगने का खतरा भी रहता है।
- कमरे को बहुत तेज गर्म करने से बचें, ये न सिर्फ आपके बच्चे को बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी हानि पहुंचा सकता है। ओवरहीटिंग आपके बच्चे के स्वास्थ्य और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है।
- बच्चे को हीटर के सामने लाने से पहले जरूरी है कि आप उसके शरीर पर तेल लगाएं जिससे की बच्चे के शरीर में पर्याप्त मात्रा में नमी बनी रहे।
इस लेख में हमने सर्दी के दौरान बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हीटर के बारे में बात की है जिसमें पारस अस्पताल , गुरुग्राम में पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी, मदर एंड चाइल्ड यूनिट के एचओडी, डॉक्टर मनीष मन्नान से बातचीत कर जानकारी दी गई है।
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