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ओव्यूलेशन डिसऑर्डर में भी है कारगर आईवीएफ प्रक्रिया, जानें कैसे करता है प्रभावित

How Ovulation Disorders Impact on IVF Process in Hindi: ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं को अंडे रिलीज करने में कठिनाई होती है। इस डिसऑर्डर के होने पर महिलाओं की शरीर में सामान्य रूप से अंडे रिलीज नहीं होते हैं।
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ओव्यूलेशन डिसऑर्डर में भी है कारगर आईवीएफ प्रक्रिया, जानें कैसे करता है प्रभावित


How Ovulation Disorders Impact on IVF Process in Hindi: सामान्य रूप से कंसीव नहीं कर पाने वाले कपल्स के लिए आईवीएफ एक आशा की किरण है। आजकल आईवीएफ की प्रक्रिया आसान हो चुकी है, जिसके जरिए कपल आसानी से पैरेंट्स बनने का सुख पा सकते हैं। ऐसे सकड़ों लोग हैं, जो अबतक आईवीएफ के जरिए सफल तरीके से बेबी पा चुके हैं। हालांकि, आईवीएफ प्रक्रिया में कई तरह का स्वास्थ्य जोखिम भी रहता है। लेकिन, कई मामलों में आईवीएफ पूरी तरह सफल भी होता है। दरअसल, यह महिला की शारीरिक स्थिति और आईवीएफ के तरीके पर निर्भर करता है कि यह प्रक्रिया कितनी सफल होगी।

आईवीएफ प्रक्रिया कई बार ओव्यूलेशन डिसऑर्डर को प्रभावित भी कर सकती है। आईवीएफ कराने वाली कई महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या ओवेल्यूशन डिसऑर्डर आईवीएफ प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। इसपर जानकार बताते हैं कि ओवेल्यूशन डिसऑर्डर आईवीएफ प्रक्रिया के लिए नुकसानदायक नहीं होता है, बल्कि कई मायनों में यह महिलाओं के लिए फायदेमंद भी हो सकता है। Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं इसके बारे में। (Impact of IVF on Ovulation Disorders in Hindi) - 

क्या है ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर? (What is Ovulation Disorder in Hindi)

ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं को अंडे रिलीज करने में कठिनाई होती है। इस डिसऑर्डर के होने पर महिलाओं की शरीर में सामान्य रूप से अंडे रिलीज नहीं होते हैं। यह डिसऑर्डर महिलाओं के ऑवेल्यूशन की प्रक्रिया को प्रभावित कर देता है।

इसके चलते महिलाओं को कई बार अन्य शारीरिक समस्याओं जैसे इनफर्टिलिटी, पीरियड्स में अनियमितता के साथ-साथ फर्टिलिटी से जुड़े अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे थायरॉइड, ज्यादा स्ट्रेस लेना, जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ना और कई बार हार्मोन्स में असंतुलन होना भी इसके पीछे का कारण माना जाता है। 

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ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर में आईवीएफ की क्या भूमिका हो सकती है?

ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर से पीड़ित बहुत सी महिलाएं आईवीएफ को लेकर परेशान रहती हैं कि इस डिसऑर्डर के साथ आईवीएफ सफल होगा या नहीं। जबकि, ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर वाली महिलाओं में आईवीएफ के सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। यह प्रक्रिया महिलाओं में सबसे पहले नैचुरल तरीके से ऑवेल्यूशन कराने में मदद करती है। आईवीएफ प्रक्रिया के तहत अंडों को स्टिमुलेट किया जाता है ताकि वह कई शरीर कई सारे अंडे रिलीज कर सके ताकि आईवीएफ प्रक्रिया के सकारात्मक परिणाम मिल सकें। 

ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर में कारगर हो सकती है आईवीएफ प्रक्रिया

अगर आप ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर से परेशान हैं तो आईवीएफ प्रक्रिया कराना कारगर साबित हो सकती है। आईवीएफ के डॉक्टर आपके हार्मोन्स पर नजर रख इसे मॉनिटर करते हैं, जिससे नैचुरल तरीके से ऑवेल्यूशन कराया जा सकता है। बल्कि, ऐसे में अंडे रिलीज होते समय अंडों की क्वालिटी भी बेहतर हो सकती है। आईवीएफ प्रक्रिया में फर्टिलाइजेशन होता है, जिसके तहत निकले हुए अंडों को स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता है। 

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ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर के लक्षण

  1. ऑवेल्यूशन  डिसऑर्डर होने पर पीरियड्स में अनियमितता हो सकती है।
  2. ऐसे में आपके पीरियड्स रुक-रुककर या देर से भी आ सकते हैं।
  3. इस डिसऑर्डर के होने पर पेल्विक एरिया में दर्द होने के साथ ही शरीर में बाल बढ़ सकते हैं।
  4. इसमें आपको एक्ने और त्वचा से जुड़ी अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
  5. ऑवेल्यूशन डिसऑर्डर होने पर मूड स्विंग, थकान और डिप्रेशन जैसी समस्या हो सकती है।
  6. ऐसे में आपको PCOS के साथ-साथ ब्रेस्ट में भी कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं।
  7. ऐसी स्थिति में आपके पीरियड्स कई बार लाइट हो सकता है तो कई बार आपको हेवी पीरियड्स भी आ सकते हैं। 

FAQ

  • औरतों को ओव्यूलेशन कब होता है?

    महिलाओं को ऑवेल्यूशन आमतौर पर पीरियड्स आने के 7 से 10 दिनों के बाद होता है। कुछ महिलाओं की शारीरिक स्थिति के हिसाब से यह समय कम ज्यादा भी हो सकता है।
  • ओवुलेशन और पीरियड में अंतर कैसे बताएं?

    ओवुलेशन और पीरियड्स में काफी अंतर होता है। मासिक धर्म के हर 7 से 10वें दिन ऑव्यूलेशन होता है। वहीं, ऑव्यूलेशन के दौरान, शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जबकि मासिक धर्म में शारीरिक तापमान कम होने लगता है। 
  • क्या लाइफस्टाइल में बदलाव करने से ऑव्यूलेशन डिसऑर्डर ठीक होता है? 

    जी हां, लाइफस्टाइल में बदलाव करने से काफी हद तक इस डिसऑर्डर को कम किया जा सकता है। इसके लिए आपको रेगुलर एक्सरसाइज, स्ट्रेस मैनेजमेंट करने के साथ ही वजन भी कम करना चाहिए। 

 

 

 

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