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समय पर न खाने और सोने की आदत सेहत को कैसे प्रभावित करती है? जानें एक्सपर्ट से

अगर आप भी रोज अलग-अलग समय पर खाते और सोते हैं, तो लंबे समय में ये कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। जानें इसका कारण।
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समय पर न खाने और सोने की आदत सेहत को कैसे प्रभावित करती है? जानें एक्सपर्ट से


Health Risks of Irregular Sleep: बिजी लाइफस्टाइल और आगे बढ़ने की भागदौड़ में हम अक्सर अपनी सेहत से समझौता कर लेते हैं। ऐसे में न ही हमारे मील का टाइम फिक्स होता और न ही सोने का टाइम। कुछ लोग ऑफिस से लेट आते हैं इसलिए लेट खाना खाते हैं और लेट नाइट तक जगे रहते हैं। लंबे समय में यह आदत हमारे शरीर को नुकसान करने लगती है। खाने का समय फिक्स न होने के कारण हमें पाचन संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। वहीं सोने का समय अलग होने के कारण स्लीप साइकिल पर बुरा असर पड़ता है। अगर काफी समय तक यह आदत बनी रहती है, तो आपको गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है। इस बारे में जानकारी देते हुए रेडियोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ नूरी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर की है। आइये लेख के माध्यम से समझें इस बारे में।

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खाने और सोने का टाइम फिक्स न होना कैसे नुकसानदायक है?

अगर आप इर्रेगुलर ईटिंग और स्लीपिंग पैटर्न फॉलो करते हैं, तो इससे आपको ऑटोइम्यून डिजीज का खतरा हो सकता है। वहीं, इसके कारण आपको प्रीकैंसरस कंडीशन भी हो सकती हैं। दरअसल इर्रेगुलर ईटिंग और स्लीपिंग हैब्बिट ग्रोथ हार्मोन के प्रोडक्शन को बनने से रोकती हैं जिनसे ये समस्याएं शुरू होती हैं।

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ग्रोथ हार्मोन हमारी बॉडी के लिए क्यों जरूरी है? Why Growth Hormone Important For Our Body

हम दिनभर जितने भी काम करते हैं, उनमें हमारी बॉडी के कई सेल्स खराब हो जाते हैं। दिनभर में कई बॉडी सेल्स हमें एनर्जी देने में इस्तेमाल होते हैं। ऐसे में हमारी बॉडी को हील होने और सेल्स रिपेयर करने का समय चाहिए होता है। जो हमारी बॉडी सोने के दौरान करती है। इसलिए जब हम सोकर उठते हैं, तो रिलैक्स और फ्रेश महसूस करते हैं।

इर्रेगुलर ईटिंग और स्लीपिंग पैटर्न ग्रोथ हार्मोन को कैसे नुकसान करते हैं?

हमारी बॉडी को हील होने और ग्रोथ हार्मोन बनाने के लिए 10 से 12 घंटे चाहिए होते हैं। यह समय रात के 2 बजे सबसे ज्यादा हाई होता है। अगर हम देरी से सोते हैं और नींद पूरी नहीं करते, तो इस कारण ग्रोथ हार्मोन डिस्टर्ब हो जाता है। इसके अलावा, देरी से खाना खाने के कारण बॉडी में डाइजेशन प्रोसेस चलता रहता है। इसके कारण भी ग्रोथ हार्मोन डिस्टर्ब होता है और बॉडी हील नहीं हो पाती है।

ऐसे में बॉडी में डैमेज सेल्स इकट्ठा होने लगते हैं और हील नहीं हो पाते हैं। धीरे-धीरे ये इम्यूनिटी वीक करने लगते हैं जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक इन आदतों के कारण ऑटोइम्यून डिजीज और प्रीकैंसरस कंडीशन का खतरा बढ़ने लगता है।

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ग्रोथ हार्मोन को बैलेंस करने के लिए क्या करें?

    • आपको सोने से करीब 3-4 घंटे पहले अपना आखिरी मील खत्म कर लेना है। इससे खाना ठीक से पच जाएगा और बॉडी को हील होने का समय मिल पाएगा।
    • बॉडी को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर दें। पर्याप्त आराम करें जिससे बॉडी एक्टिव रहे।
    • अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां एड करें। इससे बॉडी को जरूरी मिनरल्स मिल पाएंगे और बीमारियों का खतरा दूर होगा।
    • इस तरह से इर्रेगुलर ईटिंग और स्लीपिंग पैटर्न गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती हैं। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें।

 

 

 

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