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वजन मासिक धर्म चक्र (पीरियड्स) को कैसे प्रभावित करता है? जानें एक्सपर्ट से

वजन बढ़ने और कम होने का असर महिलाओं के पीरियड साइकिल को प्रभावित कर सकता है। आगे जानते हैं इसके बारे में  
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वजन मासिक धर्म चक्र (पीरियड्स) को कैसे प्रभावित करता है? जानें एक्सपर्ट से


वजन बढ़ने या कम होने से महिलाओं की सेहत पर कई तरह के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। वजन बढ़ने की वजह से महिलाओं को हार्ट संबंधी समस्या हो सकती हैं। इसके साथ ही, उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। इसका प्रभाव उनके पीरियड्स पर पड़ता है। वजन बढ़ना और कम होना दोनों ही स्थिति महिलाओं के पीरियड्स को अनियमित करने का कारण बन सकते हैं। देश की अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन, महिलाएं इसे सामान्य समस्या मानकर अनदेखा कर देती हैं। दरअसल, पीरियड्स खत्म होने के बाद इससे जुड़ी समस्याएं अपने-आप ही दूर हो जाती हैं। आगे डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि वजन किस तरह पीरियड्स को प्रभावित कर सकता है। 

बढ़ते वजन की वजह से पीरियड्स प्रभावित होना? - Are periods getting affected due to increasing weight?

बढ़ते वजन का असर पीरियड्स पर पड़ सकता है। वजन की वजह से पीरियड् में बदलाव देखने को मिल सकता है। आगे जानते हैं बढ़ते वजन के कारण पीरियड्स किस तरह प्रभावित हो सकते हैं। 

पीरियड्स अनियमित होना

मोटापे की वजह से महिलाओं के शरीर में फैट बढ़ने लगता है। इससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, इसकी वजह से ओवुलेशन की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। फैट शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जिससे ओव्युलेशन में बाधा उत्पन्न हो सकती है। महिलाओं में मोटापे के कारण पीरियड्स मिस हो सकते हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के कारण पीरियड्स मिस हो सकते हैं। पीसीओएस अंडाशय में अतिरिक्त एड्रोजन उत्पादन करने का कारण बनता है। यह पीरियड्स से जुड़ी समस्या कर सकता है। 

 periods and weight gain

अत्यधिक रक्तस्राव

जिन महिलाओं का वजन अधिक होता है, उनको पीरियड्स के दौरान अधिक रक्तस्राव हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मोटापे के कारण महिलाओं को वाटर रिटेनशन की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से सूजन की समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। जिन महिलाओं को सूजन होती है, उन्हें एंडोमेट्रियल की समस्या को ठीक होने अधिक समय लग सकता है। इसकी वजह से कुछ महिलाओं को पीरियड्स के समय रक्तस्राव की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, कुछ महिलाओं के पीरियड्स में रक्तस्राव का समय बढ़ सकता है। पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव की वजह से महिलाओं को आयरन की कमी हो सकती है। इसकी वजह से महिलाओं को थकान और कमजोरी हो सकती है। 

वजन कम होने की वजह से पीरियड्स प्रभावित होना - Periods getting affected due to weight loss

महिलाओं को वजन कंट्रोल करने से पीरियड्स से जुड़ी समस्या में आराम मिल सकता है। लेकिन, उनको वजन को ज्यादा कम भी नहीं करना चाहिए। जिन महिलाओं का वजन ज्यादा कम होता है, उनको भी पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 

पीरियड्स समय पर न आना

कम वजन होने के कारण कुछ महिलाओं को पीरियड्स समय पर न आने की समस्या हो सकती है। यह समस्या ज्यादातर एथलीट और कुपोषण का शिकार महिलाओं को देखने को मिलती है।  

हल्के और अनियमित पीरियड होना

महिलाओं का वजन जितनी तेजी से कम होता है, उतना ही उनके पीरियड्स अनियमित होने की आशंका बढ़ जाती है। अगर, आप कैलोरी नहीं लेती हैं और अधिक व्यायाम करती हैं, तो इससे मांसपेशियों में तनाव बढ़ सकता है। इसकी वजह से हार्मोन के स्तर को बदल सकता है, जिससे आपके पीरियड्स हल्के और अनियमियत हो सकते हैं। 

पीरियड्स न आना

यदि महिलाओं का वजन बहुत अधिक कम हो जाता है, तो इससे पीरियड्स आना पूरी तरह से बंद हो सकता है। गर्भधारण के बिना यदि महिलाओं को तीन माह तक पीरियड्स नहीं आते हैं तो इसे एमेनोरिया कहा जा सकता है। 

इसे भी पढ़ें : उम्र से पहले क्यों बंद हो जाते हैं पीरियड्स, किन बीमारियों का रहता है खतरा

महिलाओं को वजन के कारण पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हर महिला में पीरियड्स से जुड़े लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इस दौरान पीरियड्स अनियमित होना, अधिक रक्तस्राव व रुक-रुककर खून आने की समस्या पर आप डॉक्टर से मिलें।

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