How Does Mumps Occur in Children in Hindi: मम्प्स एक प्रकार का वायरल संक्रमण है, जिसे आम भाषा में गलसुआ भी कहा जाता है। इस स्थिति में गाल फूले-फूले हुए नजर आते हैं और कुछ चबाने या कई बार बोलने तक में कठिनाई होती है। मम्प्स की समस्या आमतौर पर बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। यह संक्रमण ज्यादातर 2 साल से ऊपर के बच्चों में होता है। यह संक्रमण छींकने, खांसने या मुंह के करीब से सांस लेने से भी हो सकता है। इससे थूक की बूंदें सांस के जरिए अंदर जा सकती हैं और मम्प्स का कारण बन सकती हैं। यह वायरस सलाइवरी ग्लैंड को प्रभावित करता है, जिससे जबड़ों के आस-पास सूजन आ जाती है। इससे बचने के लिए वैक्सीन लगवाना फायदेमंद हो सकती है। आइये बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सईद मुजाहिद हुसैन (Dr Hifive) से जानते हैं इसके बारे में।
क्या वैक्सीन लेने से मम्प्स से बचाव होता है?
डॉ. हुसैन की मुताबिक बच्चों को अगर मम्पस की वैक्सीन दी जाए तो मम्प्स होने की आशंका काफी कम हो जाती है। बल्कि, इससे बचाने के लिए बच्चों का टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। इसके लिए आप बच्चों को मीसल, मम्प्स और रूबेला वैक्सीन लगवा सकते हैं। यह सभी वैक्सीन बच्चों में मम्प्स और उसके लक्षणों को कम करने में प्रभावी साबित होती है। वैक्सीन नहीं लगवाने से बच्चे मम्प्स की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। मम्प्स को नजरअंदाज करना कई बार बच्चों में सुनने की क्षमता को प्रभावित करने के साथ ही मेनिनजाइटिस और इनफर्टिलिटी का कारण भी बन सकता है।
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बच्चों में मम्प्स होने के कारण
- बच्चों में मम्प्स होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।
- खाने-पीने की चीजें एक दूसरे से शेयर करने पर बच्चों में मम्प्स की बीमारी फैल सकती है।
- कई बार खांसने और छींकने पर भी बच्चों में लार की बूंदों के जरिए मम्प्स फैलाने वाले वायरस फैल सकते हैं।
- संक्रमित व्यक्ति के आस-पास ज्यादा रहने से भी यह समस्या हो सकती है।