How Does Frequently Eating Processed Food Effect Body In Hindi: )दौड़ती-भागती जिंदगी में लोगों की लाइफस्टाइल से लेकर डाइट तक के पैटर्न में काफी कुछ बदल चुका है। विशेषकर, खानपान की बात करें, तो बदलते वर्क कल्चर की वजह से लोगों की डाइट में रेडी ईट फूड ज्यादा से ज्यादा शामिल हो गए हैं। प्रोसेस्ड फूड भी शामिल हैं। भले ही इस तरह के फूड आइटम से टाइम बचता है और खाने में भी स्वादिष्ट लगते हैं। लेकिन, यह क्या आप जानते हैं कि बहुत ज्यादा या फ्रीक्वेंटली प्रोसेस्ड फूड का सेवन किया जाए, तो इसका शरीर पर घातक असर पड़ सकता है। जीं, हां यह सच है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो प्रोसेस्ड फूड में ऐसी चीजें शामिल होती हैं, लंबे समय तक उसका सेवन किया जाए, तो कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। सवाल है, ऐसा होने के पीछे क्या कारण हैं? इस बारे में हमने डाइट एन क्योर की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की।
फ्रीक्वेंटली प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से शरीर को नुकसान क्यों होता है?- How Does Frequently Eating Processed Food Effect Body In Hindi
प्रोसेस्ड फूड शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके कई कारण हैं, जैसे-
आर्टिफिशियल चीजों का होना
प्रोसेस्ड फूड में कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ चीजें, तो ऐसी भी होती हैं जिसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती हैं। वहीं, कुछ केमिकल्स ऐसे यूज किए जाते हैं, जो आर्टिफिशियल होते हैं। आपको बता दें कि हाई प्रोसेस्ड फूड्स में प्रीजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल कलरिंग, केमिकल फ्लेवरिंग और कुछ किस्म के टेक्सचर एजेंट्स का उपयोग किए जाते हैं। अगर लंबे सय तक इन चीजों का सेवन किया जाए, तो इससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
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रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का स्रोत
हालांकि, हर डाइट का बहुत ही मुख्य पार्ट कार्बोहाइड्रेट होता है। लेकिन, कार्बोहाइड्रेट की तुलना में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट ज्यादा सही नहीं मानी जाती है। दरअसल, जब शरीर में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ जाती है, तो ऐसे में ब्लड प्रेशर का स्तर तेजी से घटता या बढ़ता रहता है। यही नहीं, एक्सपर्ट की मानें, तो बहुत ज्यादा मात्रा में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क भी बढ़ सकता है।
न्यूट्रिएंट्स की कमी
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में न्यूट्रिएंट्स की काफी ज्यादा कमी होती है। जबकि, इसकी तुलना में व्होल या मिनिमल प्रोसेस्ड फूड में थोड़े-बहुत जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिल जाते हैं। कई बार अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में सिंथेटिक विटामिन और मिनरल्स को यूज किया जाता है। इस वजह से अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में से न्यूट्रिएंट्स का स्तर कम हो जाता है। यही कारण है कि एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि डाइट में साबुत अनाज, मौसमी फल और सब्जियों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। ध्यान रखें कि न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्वों की कमी के कारण शरीर की इम्यूनिटी वीक हो जाती है, जिससे शरीर आसानी से बीमार हो सकता है। विशेषकर, बदलते मौसम में बीमार होने का रिस्क बढ़ जाता है।
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फाइबर की कमी
फाइबर बहुत ही जरूरी कम्पोनेंट है। अगर शरीर में फाइबर की कमी हो जाए, तो पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या हो सकती है। फाइबर एक ऐसा तत्व भी है, जो कार्बोहाइड्रेट का एब्सॉर्पशन धीमा कर देता है, जिससे मोटापे का रिस्क कम हो जाता है। ज्यादा अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में फाइबर बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं।
ट्रांसफैट से भरपूर
प्रोसेस्ड फूड में कई तरह के अनहेल्दी तत्व होते हैं, जिसमें ट्ांसफैट भी शामिल है। असल में, प्रोसेस्ड फूड रिफाइंड सीड या वेजिटेबल ऑयल से बनाए जाते हैं। इस तरह की चीजें सस्ती होती हैं और आसानी से एवेलेबल हो जाती हैं। ध्यान रखें कि अगर बॉडी में ट्रांसफैट की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे बॉडी में इंफ्लेमेशन का खतरा बढ़ सकता है, बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। यही नहीं, ट्रांसफैट की वजह से हार्ट रिस्क, स्ट्रोक रिस्क भी बढ़ जाते हैं।
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