Trans fat Side Effects: खानपान में गड़बड़ी के कारण हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर समेत कई गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इन बीमारियों के कारण लाखों लोगों की जान हर साल चली जाती है। क्या आप जानते हैं कि बढ़ते हार्ट अटैक और हार्ट डिजीज के मामलों के पीछे सबसे प्रमुख कारण क्या है? डाइट से जुड़ी गलत आदतों की वजह से ये बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ट्रांस फैट का ज्यादा सेवन करने की वजह से यह बीमारियां हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती हैं। ट्रांस फैट शरीर के लिए बहुत खतरनाक होता है और आज के समय में लोग इसका खूब सेवन करते हैं। पैक्ड फूड्स में ट्रांस फैट की सबसे ज्यादा मात्रा होती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि आखिर ट्रांस फैट है क्या और इसका सेवन करने से शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में।
ट्रांस फैट क्या है?- What is Trans Fat in Hindi
लगभग सभी तरह के फूड्स में फैट की मात्रा पायी जाती है। फैट दो तरह के होते हैं, सामान्य भाषा में इन्हें हेल्दी फैट और बैड फैट के नाम से जाना जाता है। बैड फैट को अनसैचुरेटेड फैट या असंतृप्त वसा कहते हैं। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लिनिकल डाइटिशियन डॉ. वीडी त्रिपाठी कहते हैं कि, "ट्रांस फैट भी अनसैचुरेटेड फैट का ही एक टाइप है। ट्रांस फैट नेचुरल और आर्टिफिशियल दोनों सोर्स से मिलता है। वानस्पतिक तेलों में जो ट्रांस फैट पाया जाता है, उसका इस्तेमाल प्रोसेस्ड फूड्स को बनाने में किया जाता है।" आमतौर पर नेचुरल फूड्स में ट्रांस फैट की मात्रा बहुत कम होती है, लेकिन प्रोसेस्ड फूड्स में इसकी अत्यधिक मात्रा होती है। आर्टिफिशियल ट्रांस फैट नेचुरल ऑयल को हाइड्रोजनीकरण करके बनाया जाता है। प्रोसेस्ड फूड्स में फैट के शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।
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ट्रांस फैट के नुकसान- Side Effects Of Trans Fat in Hindi
ट्रांस फैट का बहुत ज्यादा सेवन करने वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। शरीर में ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ने से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है। इसकी वजह से नसों या धमनियों में ब्लॉकेज हो जाता है। ट्रांस फैटी एसिड या ट्रांस फैट बढ़ने पर हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ट्रांस फैट का ज्यादा सेवन करने और शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने से आपको इन समस्याओं का खतरा ज्यादा रहता है-
- हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या
- हार्ट अटैक का खतरा
- हार्ट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम
- धमनियों में सूजन की समस्या
- दिमाग और हार्ट में ब्लड सप्लाई प्रभावित होना
ट्रांस फैट को कम करने के लिए क्या करें?
बेकरी के फूड्स, केक कुकीज, पॉपकॉर्न, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईज आदि में ट्रांस फैट अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा नॉन डेयरी प्रोडक्ट्स में भी इसकी अधिक मात्रा होती है। शरीर में बढ़े हुए ट्रांस फैट को कम करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों में बदलाव करना चाहिए। इसे कम करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना चाहिए। इसके अलावा डाइट में अखरोट, सूरजमुखी और कद्दू के बीज, ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से बचने पर आप ट्रांस फैट से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
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ट्रांस फैट का बहुत ज्यादा सेवन करने वाले लोग हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। इस नुकसानदायक स्थिति से बचने के लिए हेल्दी डाइट अपनाएं और नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूर करें। ट्रांस फैट बढ़ने पर हार्ट से जुड़ी परेशानियों की शुरुआत होती है, इनके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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