Intermittent Fasting Good For Fatty Liver: खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। आमतौर पर बहुत ज्यादा तला-भुना और मसालेदार भोजन, स्मोकिंग और शराब का सेवन करने से फैटी लिवर का खतरा रहता है। फैटी लिवर को ठीक करने के लिए खानपान में सुधार, हेल्दी लाइफस्टाइल और दवाओं के सेवन से ठीक किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से फैटी लिवर को ठीक करने में मदद मिलती है।
सेहत और खानपान से जुड़ी ऐसी ही बातों की सच्चाई बताने के लिए हम 'धोखा या हकीकत' नाम से एक सीरीज चला रहे हैं। इसके तहत हम आपको ऐसी ही बातों की सच्चाई डॉक्टर या एक्सपर्ट के जरिए देने की कोशिश कर रहे हैं। ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल Fact Check सीरीज 'धोखा या हकीकत' में आइए जानते हैं, क्या वाकई इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से फैटी लिवर को ठीक करने में मदद मिलती है?
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग से फैटी लिवर को ठीक कर सकते हैं?- Intermittent Fasting Good For Fatty Liver in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने के पैटर्न को बदलने का एक तरीका है, जिसमें आप एक निश्चित समय अंतराल में ही खाते हैं और बाकी समय उपवास करते हैं। नोएडा स्थित आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं, इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई तरीके हैं, जिनमें से कुछ लोग इस तरह से इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं-
16/8 विधि: इस तरीके में आप हर दिन 16 घंटे उपवास करते हैं और बचे हुए 8 घंटों में ही खाते हैं। उदाहरण के लिए, आप सुबह 10 बजे नाश्ता कर सकते हैं और शाम 6 बजे तक ही खा सकते हैं, उसके बाद अगले 16 घंटे उपवास करेंगे।
5:2 विधि: इस तरीके में आप हफ्ते के 5 दिन सामान्य रूप से खाते हैं, लेकिन हफ्ते के 2 गैर-लगातार दिनों में आप कैलोरी की मात्रा को काफी कम कर लेते हैं, आमतौर पर 500-600 कैलोरी तक।
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फैटी लिवर में इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे- Intermittent Fasting Benefits in Fatty Liver in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं-
- वजन कम करना: इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर को एक्स्ट्रा फैट बर्न के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
- इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार: इंटरमिटेंट फास्टिंग इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है, जो शरीर को रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- सूजन कम करना: इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग लिवर में मौजूद एक्स्ट्रा फैट को कम करने, लिवर एंजाइम को बढ़ाने और इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक करने में मदद करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि 8 हफ्तों तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से फैटी लिवर वाले लोगों के यकृत एंजाइम के स्तर में सुधार होता है और इससे इंसुलिन के स्तर में भी सुधार होता है। हालांकि सिर्फ इंटरमिटेंट फास्टिंग से ही फैटी लिवर को ठीक नहीं किया जा सकता है। इसके लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेकर उचित कदम जरूर उठाना चाहिए।
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फैटी लिवर की समस्या दो तरह की होती है, एक नॉन अल्कॉहोलिक फैटी लिवर और दूसरा अल्कॉहोलिक फैटी लिवर। इन दोनों समस्याओं के लक्षणों को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। वैसे तो लिवर में थोड़ी मात्रा में फैट जमा होता है। लेकिन जब लिवर में फैट 10 प्रतिशत से ज्यादा हो जाए, तो इस स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं। इस समस्या से बचने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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