पैर के अंगूठे की हड्डी का बढ़ना गोखरू रोग के हैं संकेत, महिलाएं होती हैं ज्‍यादा प्रभावित

बनियन (Bunion) यानी अंगूठे के जोड़ की हड्डी बढ़ना। यह समस्या उन लोगों में अधिक होती है, जो कसे पंजे वाले जूते पहनते हैं। इससे अंगूठा पैरों की उंगली की ओर बढ़ने लगता है, जो सूजन और दर्द का कारण बन जाता है। यह समस्या काफी तकलीफदेह होती है। लोगों का चलना इसमें मुश्किल हो जाता है।
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पैर के अंगूठे की हड्डी का बढ़ना गोखरू रोग के हैं संकेत, महिलाएं होती हैं ज्‍यादा प्रभावित


सीढियां चढ़ते-उतरते समय पैर के अंगूठे के जोड़ में दर्द होता है तो यह गोखरू या बनियन का लक्षण है। इस समस्या में चढ़ते-उतरते समय जब अंगूठा मुड़ता है तो जोड़ आपस में घिसते हैं, तभी दर्द होता है। बनियन (Bunion) यानी अंगूठे के जोड़ की हड्डी बढ़ना। यह समस्या उन लोगों में अधिक होती है, जो कसे पंजे वाले जूते पहनते हैं। इससे अंगूठा पैरों की उंगली की ओर बढ़ने लगता है, जो सूजन और दर्द का कारण बन जाता है। यह समस्या काफी तकलीफदेह होती है। लोगों का चलना इसमें मुश्किल हो जाता है।

 

गोखरू होने का कारण 

युवावस्था की शुरुआत में होने वाली पैरों की समस्याएं उम्र बढ़ने के साथ-साथ बढ़ जाती हैं। ऐसी ही समस्याओं में एक बनियन भी है। बहुत से लोगों कों बनियन इसलिए होता है क्योंकि उनके परिवार में किसी न किसी को ये समस्या रही है। हो सकता है बनियन के साथ पैरों की कुछ और समस्याएं हों। कई बार अर्थराइटिस के साथ बनियन हो जाता है। ऐसे लोग जिन्हें पैरों की असंगति का सामना करना पड़ता है, उनमें अक्सर लंबे पैर में बनियन होता है।

महिलाओं को अधिक खतरा

महिलाओं को बनियन होने का जोखिम पुरूषों की तुलना में अधिक होता है। सालों तक खराब फिटिंग के फुटवेयर, हाई हील और पॉइन्टेड शूज के कारण बनियन हो सकता है। इस तरह के फुटवेयर धीरे-धीरे पेरों की हड्डियों का आकार बिगाड़ देते हैं।

गोखरू के लक्षण

बनियन का संकेत व लक्षण अमूमन पैरों का दर्द ही होता है। चलते हुए पैर के अंगूठे और उसके आसपास के एरिया में दर्द होना, जूते पहनते हुए दर्द होना जबकि बाकी के पैर में दर्द न होना। बनियन होने पर अंगूठे के नीचे का हिस्सा बढ़ जाता है। इस जगह पर शूज से जो दबाव पड़ता है उसकी वजह से दर्द बहुत ज्यादा बढ़ सकता है।

गोखरू की पहचान कैसे की जाती है

ऊपर दिए गए लक्षणों का पता लगाकर ही डॉक्टर बनियन होने का अंदाजा लगाते हैं। पैर, खासतौर पर अंगूठे के आसपास के हिस्से की जांच की जाती है। इसके बाद शक को पक्का करने के लिए एक्सरे करवाया जाता है। एक्सरे करवाना इस समस्या की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका है।

गोखरू का उपचार 

बनियन का नॉन-सर्जिकल उपचार यही है कि आराम किया जाए और फुटवेयर को फौरन बदल दिया जाए। ऐसा करने से कई बार फौरन आराम मिलता है। जिसे ये समस्या हो उसे हाई हील, पॉइन्टेड हील और टाइट फुटवेयर छोड़कर वॉकिंग शूज या कोई और आरामदायक फुटवेयर पहनना चाहिए।

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दवाओं से उपचार

एंटी-इनफ्लेटरी दवाइयां, जैसे कि एसीटिलसेलीसाइलिक एसिड (एस्प्रिन, एकोट्रिन), इबूप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन, न्यूप्रिन, पीडियाकेयर फीवर) और नेप्रोक्सेन इस समस्या में सूजन के साथ साथ दर्द को दूर करने का काम कर सकती हैं। लोकल कोल्ड पैक एप्लीकेशन भी इसमें फायदा पहुंचा सकती है।

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एक्सरसाइज से फायदा

बनियन के जॉइंट के अंदरूनी हिस्सों से तनाव दूर करने के लिए कई बार स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। पैर के स्ट्रक्चर और बनियन की गंभीरता पर निर्भर करता है कि किस तरह की एक्सरसाइज करवाई जाएगी। इसके अलावा, अत्यधिक दर्द में इंजेक्शन भी दिया जा सकता है।

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