
क्या आपको पता है शरीर का नॉर्मल तापमान कितना होना चाहिए? कोविड और बुखार के तापमान में क्या फर्क है? हमारा शरीर वातावरण के मुताबिक अपना तापमान बनाता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि जो तापमान आपके लिए सामान्य है वो दूसरे के लिए भी सामान्य हो। आपके शरीर का तापमान आपकी सेहत के बारे में काफी कुछ बताता है। किसी इंफेक्शन के कारण भी शरीर का तापमान बदलता है और आपको फीवर आ सकता है। तापमान आपके जेंडर, उम्र पर भी निर्भर करता है। कोरोना काल के बाद बॉडी टेम्प्रेचर पर चर्चा करनी जरूरी है क्योंकि बुखार और कोविड के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं, हालांकि कोविड के शिकार लोगों में तापमान गिरता नहीं है जबकि बुखार में तापमान बढ़ने के साथ-साथ गिरता भी है। शरीर के तापमान से जुड़े फैक्ट्स और कोरोना से उसका संबंध समझने के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. शरीर का नॉर्मल तापमान कितना होता है? (Normal body temperature)
एक नॉर्मल ह्रयूमन बॉडी में ऐवरेज तापमान करीब 98.6 डिग्री होता है या आप कह सकते हैं कि सामान्य तापमान 97 से 99 डिग्री तक हो सकता है। हमारी बॉडी वातावरण के मुताबिक तापमान अडॉप्ट कर लेती है। जैसे कि कसरत करते समय हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। अगर आप थर्मोमीटर से दिनभर में अपना तापमान नापें तो आप नोटिस करेंगे कि शाम और सुबह के मुकाबले दोपहर के समय तापमान बढ़ा हुआ आएगा। वहीं नवजात शिशु और छोटे बच्चों के शरीर का तापमान व्यस्कों से ज्यादा होते हैं क्योंकि उनकी बॉडी का सरफेस एरिया वजन से ज्यादा होता है और मेटाबॉलिज्म भी व्यस्कों से ज्यादा एक्टिव होता है, एक सामान्य बच्चे के शरीर का तापमान 99.5 डिग्री के करीब होता है।
2. बुखार में शरीर का तापमान कितना होता है? (Temperature in fever)
फीवर एक टेम्प्ररी हाई बॉडी टेम्प्रेचर कहा जाता है जो बीमारी के चलते होता है। 100.4 डिग्री से ज्यादा तापमान होने पर फीवर के लक्षण मिलते हैं। फीवर कुछ दिन शरीर में रहता है, इसके लक्षण हैं, ठंड लगना, पसीना आना, सिर में दर्द, मसल्स पेन, भूख न लगना, डिहाइड्रेशन, कमजोरी ये सभी बुखार के लक्षण हैं। व्यस्कों के लिए 103 या उससे ज्यादा तापमान चिंता की बात है, इसके अलावा अगर बुखार के साथ सिर में दर्द, स्किन रैश की समस्या, गर्दन में दर्द, एब्डॉमिनल पेन है तो डॉक्टर को दिखाने की जरूरत पड़ सकती है। अगर बच्चों की बात करें तो ज्यादा तापमान का मतलब अक्सर इंफेक्शन होता है इसलिए बच्चों के मामले में लापरवाही न करें।
3. कोरोना काल में तापमान ट्रैक करना क्यों जरूरी है? (Body tempertaure tracking is important during pandemic)
कोविड 19 के फैलने के बाद हर ऑफिस या पब्लिक प्लेस पर तापमान चेक करके ही अंदर जाने दिया जाता है, अब ये हम सबके लिए एक आम बात हो गई है पर क्या आपको पता है कि समय-समय पर शरीर के तापमान को नांपते रहना भी जरूरी है। अगर आप कोरोना काल में अपने शरीर के तापमान पर कड़ी नजर रखेंगे तो आपको इंफेक्शन का बीमारी या फीवर का पता पहले ही चल जाएगा। शरीर का तापमान इंफेक्शन का लक्षण होता है और कोविड 19 का भी यही लक्षण है। अगर आप तापमान को ट्रैक करते रहेंगे तो बीमार पड़ने पर भी जल्दी ठीक हो जाएंगे।
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4. आम बुखार और कोविड के दौरान आए बुखार में क्या फर्क है? (Difference between normal fever and corona)
बुखार कोविड का एक लक्षण है जो कि नोवल कोरोना वायरस सार्क-कोव-2 के कारण होता है। बुखार में तापमान नीचे भी जाता है पर लो टैम्प्रेचर कोविड के लक्षण नहीं है। अगर आपको लगता है कि आपको कोविड हो गया है तो आपको दिन में 2 बार तापमान नापना है और डॉक्टर को सूचित करना है। 100.4 डिग्री या उससे ज्यादा तापमान बुखार की श्रेणी में आता है। कोविड में आपको फीवर और अन्य लक्षण जैसे कंपकंपी, पीठ या छाती छूने पर गरम लगने जैसे दिखते हैं।
5. तापमान कैसे बताता है कि शरीर में वायरस ने प्रवेश किया है? (Change in temperature is a sign of virus)
हमारे दिमाग का हिस्सा है जिसे हाइपोथैल्मस कहते हैं वो लगातार आपके बॉडी के तापमान को वातावरण के मुताबिक एडजस्ट करता रहता है। जब आपके इम्यून सिस्टम हो पता चलता है कि शरीर में वायरस आ गया है तो वो हाइपोथैल्मस को सिग्नल भेजता है जिससे शरीर का तापमान बढ़ने लगता है और बुखार आ जाता है। अगर आपके शरीर का तापमान 100 डिग्री से ज्यादा है तो इसका मतलब आपका शरीर किसी वायरस से लड़ रहा है। इसलिए तापमान का पता लगाना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते सही बीमारी का पता चले और इलाज किया जा सके। अगर आपको फीवर के साथ कोरोना के अन्य लक्षण जैसे सूखी खांसी, थकान, सांस लेने में परेशानी, डायरिया, जैसे लक्षण लगते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें और मास्क पहनकर रखें और दूसरों से कम से कम 6 फीट की दूरी रखें।
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6. जितनी ज्यादा उम्र होगी उतना कम तापमान होगा (Low temperature in old age)
अगर गर्मी के दिनों में भी आपके शरीर का तापमान ठंडा रहता है तो ये आपकी उम्र के कारण भी हो सकता है। उम्र का असर शरीर के तापमान पर पड़ता है। ये जानना हमारे लिए इसलिए जरूरी है क्योंकि ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को यंग एडल्ट के मुकाबले कम तापमान में भी बुखार जैसा महसूस हो सकता है। इसके अलावा महिलाओं के शरीर का तापमान आदमियों से ज्यादा होता है पर महिलाओं का हाथ पुरूषों से 2.8 डिग्री ज्यादा ठंडा होता है।
7. तापमान नोट करने का सही समय क्या है? (Correct time to note temperature)
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आपको दिन में 2 बार अपना तापमान नोट करना है एक बार सुबह वॉक करने के 30 मिनट के अंदर और एक बार शाम में पर समय सेम होना चाहिए। तापमान लेने से 15 मिनट पहले कुछ भी गरम या ठंडा न खाएं। वहीं कसरत करने के तुरंत बाद भी तापमान नहीं लेना है। आपको समय-समय पर अपना तापमान देखते रहना चाहिए और इस मौसम में अचानक से ठंडे से गरम या गरम से ठंडे वातावरण में जाने से बचें।
शरीर का तापमान हमारे शरीर के बारे में बहुत से संकेत देता है, कोरोना काल में हमें और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, इसलिए अपने शरीर के तापमान पर ध्यान दें।
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