
IRDAI ने कोरोना काल में लोगों की सेहत को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने कहा है कि अगर कोविड वैक्सीन के असर से किसी व्यक्ति की तबीयत बिगड़ती है तो वो अस्पताल में मेडिकल क्लेम ले सकेंगे। कुछ महीने पहले एक हेल्थकेयर वर्कर ने बीमा कंपनी से इस बात की पुष्टि मांगी थी कि अगर वैक्सीन के असर से उसे कुछ हुआ तो क्या अस्पताल का खर्च स्वास्थ्य बीमा के तहत मिल जाएगा। इस पर विचार करते हुए IRDAI ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभाव को भी स्वास्थ्य बीमा में अब गिना जाएगा। इसके साथ ही सभी बीमा कंपनियों को नए नियम को अपनी पॉलिसी में शामिल करने के लिए कहा गया है।
कोविड वैक्सीन से हुआ दुष्प्रभाव तो बीमा कंपनी उठाएगी अस्पताल का खर्च
अगर किसी व्यक्ति के पास स्वास्थ्य बीमा है और उसे कोविड वैक्सीन के असर के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया है तो वो बीमा क्लेम कर सकता है। IRDAI के स्टेटमेंट के अनुसार कोविड वैक्सीन के बाद अगर मरीज पर कोई असर होता है तो उसे भी बाकि बीमारी के तरह बीमा कंपनी को अपनी पॉलिसी में शामिल करना चाहिए क्योंकि मरीज के लिए अचानक से खर्च उठा पाना मुमकिन नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति पर नहीं पड़ता पर कोविड अभी हमारे लिए एक नया टर्म है इसलिए बड़ी सावधानी के साथ टीकाकरण किया जा रहा है, इस बात की आशंका हो सकती है कि व्यक्ति पहले से ही बीमार हो और वैक्सीन उस पर असर कर जाए। इस बात को ध्यान में रखते हुए वैक्सीन के असर को क्लेम में शामिल किया गया है।
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क्लेम के तहत दोनों वैक्सीन शामिल हैं (Adverse effect of both vaccines are covered in insurance)
इसके साथ ही IRDAI ने ये भी कहा है कि कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभाव से होने वाले अस्पताल खर्च को क्लेम करने का तरीका वही रहेगा जो सामान्य स्वास्थ्य बीमा में होता है, कोविड के लिए बीमा कंपनी कोई अलग नियम नहीं बनाएगी। इस समय सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की ओर से 2 तरह की वैक्सीन को मंजूरी मिली है, पहली कोविशील्ड जिसका उत्पादन सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है और दूसरी कोवाक्सीन जिसका उत्पादन भारत बॉयोटेक लिमिटेड ने किया है। दोनों ही वैक्सीन से अगर व्यक्ति को दुष्प्रभाव होता है तो वो बीमा क्लेम कर सकता है। दिल्ली के एक केस में 42 साल के सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल महेश पाणिग्रही पिछले महीने कोरोना पॉजिटिव पाए गए, उनके पास हेल्थ पॉलिसी थी पर चिंता ये थी कि कोविड के दौरान भर्ती होने पर बीमा के तहत उन्हें छूट मिलेगी या नहीं। आईआरडीएआई के समय पर उठाए गए कदम के चलते उन्हें अस्पताल का खर्च नहीं देना पड़ा।
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लोगों के लिए कैसे फायदेमंद है आईआरडीएआई का फैसला? (Benefits for citizens)
एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोविड 19 के क्लेम्स को बीमा में शामिल करने से लोगों को बहुत से फायदे होंगे।
- कोविड 19 वैक्सीन लगने पर अगर दुष्प्रभाव होता है तो अस्पताल का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी।
- कोविड 19 के इलाज के लिए पूरे देश में स्टैंडर्ड रेट बनाए गए हैं, अस्पताल ज्यादा खर्च नहीं वसूल पाएंगे।
- महामारी के दौरान पूरा देश आर्थक तंगी से जूझ रहा है ऐसे में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की चिंता नहीं होगी।
- पीपीई किट, क्लीनिंग फीस आदि चार्ज से मरीज को मुक्ति मिल सकती है।
ये फैसला निचले और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बड़ी सहूलियत बनकर आया है जो कोविड 19 संक्रमण से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं। एक बार फिर देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ये फैसला आगे बहुत काम आएगा।
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