बेबी प्लान करने से पहले किन बातों का रखें ध्यान ताकि न हो कंसीव करने में समस्या? जानें डॉक्टर से

अगर आप भी लंबे समय से कंसीव करना चाहती हैं, लेकिन आपको कंसीव करने में मुश्किल हो रही हैं, तो अपने लाइफस्टाइल में ये बदलाव करके देखिए।
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बेबी प्लान करने से पहले किन बातों का रखें ध्यान ताकि न हो कंसीव करने में समस्या? जानें डॉक्टर से

क्या आपको भी कंसीव करने में हो रही हैं मुश्किल? हर महिला मां बनने का सपना देखती हैं। उनके लिए मां बनने का अनुभव सबसे खूबसूरत होता है। मां बनने से एक महिला पूरी होती है। लेकिन कई महिलाएं आसानी से कंसीव नहीं कर पाती हैं, संतान सुख पाने के लिए उन्हें काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती हैं। ऐसी स्थिति में महिलाएं तरह-तरह के उपाय अपनाती हैं, जिससे वे कंसीव कर सकें। फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा की डायरेक्टर और एचओडी, ऑब्सटैट्रिशियन एंव गाइनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर अंजना सिंह बताती हैं आजकल की बदलती और खराब जीवनशैली (lifestle) भी इंफर्टिलिटी (Infertility) की एक मुख्य वजह है, ऐसे में अगर महिलाएं अपनी जीवनशैली पर पूरा ध्यान देती हैं, तो उन्हें कंसीव (Conceive) करने में आसानी हो सकती हैं। कई महिलाएं सिर्फ अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी मां बनने का सुख पा लेती हैं।

 

ये हैं इंफर्टिलिटी के कारण (Causes of infertility)

- ज्यादा वजन वाली महिलाओं में इंफर्टिलिटी की आशंका ज्यादा होती है।

- अवसाद (Depression) और तनाव (Tension) भी ऐसे कारण हैं, जो इंफर्टिलिटी से जुड़ी हैं।

- भारत में लगभग 48 फीसदी पुरुष एल्कोहॉल (Alcohol) और निकोटिन (Nikotine) का सेवन करते हैं, जो अमेरिका और यूके के मुकाबले काफी अधिक हैं। स्पर्म काउंट (Sperm count) को कम करने में इन चीजों को अहम वजहें मानी जाती हैं।

- माहवारी (Mentruation) से जुड़ी प्रक्रियाओं में सफाई का पालन न करने से भी इंफर्टिलिटी का खतरा बढ़ता है।

- पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम) ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) और पेल्विक इंफेक्शन (Pelvic infection) भी बढ़ रहे हैं, जिन्हें रोकना जरूरी है, क्योंकि यह भी इंफर्टिलिटी की एक वजह है।

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खानपान का रखें ध्यान (Diet help you to easily conceive)

कंसीव करने से पहले आपको अपने खानपान पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। डॉक्टर अंजना सिंह बताती हैं कि अगर डाइट में डिसिप्लिन (Discipline) रखा जाए, तो काफी हद तक इंफर्टिलिटी को रोका जा सकता है। इस समय आपको रोज विटामिंस, मिनरल्स, प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्ब (Complex carbs) से भरपूर डाइट लेनी चाहिए। अपने खानपान में तरह-तरह के रंगों के फलों और सब्जियों को शामिल करें। अगर आप अपनी थाली को 4 हिस्सों में बांटती हैं, तो उसमें आधा हिस्सा फलों और सब्जियों का होना चाहिए। एक चौथाई हिस्सा प्रोटीन और चौथाई हिस्सा कॉम्प्लेक्स कार्ब का रखें। इसके अलावा आपको ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 fatty acid) से भरपूर चीजों को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। मोनो अनसैचुरेटेड फैट (Mono unsaturated fat) और फाइबर की मात्रा बढ़ाएं। ये सभी पोषक तत्व फर्टिलिटी को हेल्दी रखते हैं। हाई ग्लाइकेमिक इंडेक्स फूड कंज्यूम (High glycaemic index food consume) से भरपूर डेयरी प्रोडक्ट कम करें। इसके साथ ही आप ट्रांसफैट को कम और जंक फूड को अवॉयड करें।

खूब पानी पिएं (Drink plenty of water)

खाने-पीने की गलत आदतें न सिर्फ शरीर को कमजोर करती है, बल्कि फर्टिलिटी पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए अपने खानपान पर पूरा ध्यान दें। कंसीव करने वाली महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, इससे यूटरस (Uterus) हेल्दी रहेगा और यूरिन के माध्यम से शरीर से टॉक्सिन भी बाहर निकल जाएंगे। इसके लिए आपको रोजाना 10-12 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। आप इसमें कुछ तरल पदार्थों (Liquids) का भी सेवन कर सकती हैं।

रेग्युलर करें एक्सरसाइज-योगा और जॉगिंग (Regular exercise-yoga and jogging to conceive easily)

कंसीव करने के लिए बॉडी को तैयार करना होता है और बॉडी को तैयार करने के लिए शरीर में ब्लड सर्कुलेशन का सही होना जरूरी होता है। इसलिए एक्सरसाइज और योगा अपने लाइफस्टाइल में जरूर शामिल करें। इससे बॉडी में हीलिंग प्रोसेस शुरू होगा और बॉडी का इलास्टिसिटी बढ़ेगी। लेकिन ज्यादा ‍‍‍व्यायाम करने से भी बचें, क्योंकि इसकी वजह से एनोव्यूलेशन (Anovulation) और इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। इस दौरान शरीर की मालिश करना भी अच्छा होता है। इसके अलावा आप हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट टहलने की आदत डालें। सेहतमंद बीएमआई को 18.25 के स्तर पर बनाए रखने के लिए प्रति सप्ताह करीब 75 मिनट जॉगिंग भी करनी चाहिए। इससे आप एक्टिव रहेंगी, शरीर से सुस्ती भी दूर होगी।

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अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं (‍your immunity)

मां बनने वाली महिला को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत होती है, जिससे वे पीआईडी (Pelvic inflammatory disease), यूटीआई (Urinary tract infections) और एसटीडी (Sexually transmitted disease) जैसे संक्रमणों से अपना बचाव कर सकें। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने लिए डाइट में विटामिन-सी, विटामिन-ई और प्रोटीन से भरपूर फल खाएं। इसके साथ ही प्रीनैटल विटामिन लें, इसमें विटामिन-ए, विटामिन-डी, यूरिक फॉलिक एसिड, विटामिन- बी12, विटामिन-बी6, विटामिन-डी3 और आयरन सप्लिमेंट होते हैं।

नींद पूरी लें (Sleep properly to conceive easily)

हेल्दी बॉडी के लिए सबसे जरूरी है नींद का पूरी होना। नींद पूरी न होने से महिलाओं में थकान हो जाती है, जिसकी वजह से ओव्यूलेशन (Ovulation) पीरियड प्रभावित होता है। इसलिए हेल्दी ओव्यूलेशन के लिए कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। इसके साथ ही तनाव रहित भी रहें, तभी कंसीव करने में आसानी होगी।

अपने बीएमआई का ध्यान रखें (Check your BMI)

इस दौरान आपका वजन न तो बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम होना चाहिए। इसलिए अपने बीएमआई का ध्यान रखें। बीएमआई 35 से ज्यादा और 19 से कम नहीं होना चाहिए।

कंसीव करने से पहले इन बातों का भी रखें ध्यान

- सही उम्र में कंसीव करने का प्लान कर लें। माता-पिता बनने में ज्यादा देरी न करें।

- दिन के दौरान स्मार्ट फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें।

- पुरुषों को अपनी जेब में मोबाइल रखने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका असर स्पर्म काउंट पर पड़ सकता है।

- धूम्रपान, एल्कोहल से पूरी तरह से दूरी बना लें। इसके साथ ही कैफीन लेने से भी बचें। एक दिन में 200 एमजी कैफीन ही लें। जितना हो सके चाय-कॉफी से दूरी बनाएं।

- कई बार असुरक्षित यौन संबंध बनाने से गॉनरिया (Gonaria), क्लामाइडिया (Chlamydia) जैसे संक्रामक रोग फैल सकते हैं। इसकी वजह से आपकी ट्यूब को नुकसान हो सकता है।

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