मच्छर, मक्खी और कीड़े मारने वाली दवाइयों का प्रयोग है खतरनाक, बरतें ये सावधानियां

DEET, कई कीट विकर्षक और कीटनाशक में मौजूद एक सक्रिय घटक है। अगर DEET वाले उत्पादों को दिशा-निर्देशों के अनुसार उपयोग किया जाए तो यह बहुत ही सुरक्षित सिद्ध हो सकते हैं। अगर उत्पाद का ठीक से उपयोग किया जाए तो  DEET की विषाक्त प्रतिक्रिया होने की संभावना बेहद कम होने की पुष्टि हुई है।  
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मच्छर, मक्खी और कीड़े मारने वाली दवाइयों का प्रयोग है खतरनाक, बरतें ये सावधानियां


DEET, कई कीट विकर्षक और बग स्प्रे में मौजूद एक सक्रिय घटक है। अगर DEET वाले उत्पादों को दिशा-निर्देशों के अनुसार उपयोग किया जाए तो यह बहुत ही सुरक्षित सिद्ध हो सकते हैं। अगर उत्पाद का ठीक से उपयोग किया जाए तो  DEET की विषाक्त प्रतिक्रिया होने की संभावना बेहद कम होने की पुष्टि हुई है।

कीट विकर्षकों में पाए जाने वाले अन्य ईपीए-पंजीकृत रसायन हैं पिकारिडिन या केबीआर 3023 और नींबू नीलगिरी का तेल, या पी-मेंथेन 3। दोनों ही कीटनाशक और लोशन में आते हैं।

उत्पाद लेबल पर मौजूद दिशा-निर्देशों को पढ़कर आप डीईईटी, पिकारिडिन या नींबू के नीलगिरी के तेल के साथ कीट विकर्षक का उपयोग कर अपने जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके अलावा आप इन सावधानियों का पालन कर कीट विकर्षक का प्रयोग कर सकते हैं।

इन बातों का रखें ख्याल

  • कटने, जलने या खुजली वाली त्वचा पर कीटनाशक का प्रयोग न करें।
  • दिखाई देनी वाली त्वचा पर केवल पर्याप्त कीट विकर्षक का ही प्रयोग करें। 
  • इसे कपड़ों के नीचे न प्रयोग करें।
  • अत्याधिक मात्रा में कीटनाशक के इस्तेमाल से बचें।
  • घर लौटने के बाद इस्तेमाल की गई जगह को साबुन और पानी से धोएं।
  • जिन कपड़ों पर कीटनाशक का इस्तेमाल किया है उन्हें धुलवाकर ही पहनें।

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कुछ मामलों में कीटनाशक के प्रयोग से त्वचा पर  प्रभाव पड़े सकते हैं। जिसके लिए एयरोसोल और सभी पंप स्प्रे उत्पादों के लेबल पर निम्नलिखित सावधानियां लिखी होती हैं।

यह सावधानियां बरतें 

  • शरीर के सभी अंगों पर स्प्रे न करें।
  • चेहरे पर लगाने के लिए पहले हाथ पर स्प्रे करें उसके बाद चेहरे पर मलें। सीधे चेहरे पर स्प्रे न करें।

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यह उत्पाद आपको कीट और मच्छरों से भी सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। ये उपाय आपके बच्चों की सुरक्षा में मददगार हो सकते हैं।

ऐसे करें प्रयोग

  • जब आप बच्चों पर बग स्प्रे का प्रयोग करते रहैं तो उसे पहले अपना हाथों पर लगाए और उसके बाद अपने बच्चों पर प्रयोग करें। बच्चों की आंखों व मुंह से बचें और इसे उनके कानों के इर्द-गिर्द प्रयोग करें। 
  • बच्चों के हाथों पर विकर्षक का प्रयोग न करें क्योंकि बच्चे अपने हाथ मुंह में डालते हैं, जो घातक सिद्ध हो सकता है। 
  • नींबू नीलगिरी के तेल को तीन साल से कम उम्र के बच्चों पर प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। 
  • DEET विकर्षक का प्रयोग नवजात और दो महीने से कम उम्र के बच्चों पर नहीं किया जाना चाहिए।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताएं ईपीए-पंजीकृत विकर्षक का प्रयोग कर सकती हैं।

विशेषज्ञ कीटों के काटने से बचने के लिए बाहर जाते वक्त पूरी बांजू के कपड़े पहनने, बाहर के खाद्य पदार्थों को न खानें और नवजात बच्चों पर मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह देते हैं। 

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