अगर आप अपने खेतों और बागानों को कीटों से सुरक्षित रखने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं तो उससे आपको डायबिटीज़ का खतरा हो सकता है। हाल ही में एक रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि कीटनाशकों के अधिक संपर्क में रहने से मनुष्यों और चूहों में ग्लूकोज़ के प्रति सहनशीलता बिगड़ जाती है जिससे डायबिटीज़ के होने की संभावना पैदा हो जाती है।
यह अध्ययन तमिलनाडु की मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की है। इन वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि ओर्गानोफॉस्फेट कीटनाशकों के संपर्क में लगातार रहने से मनुष्यों और चूहों में ग्लूकोज़ के प्रति सहनशीलता बिगड़ जाती है जिससे मधुमेह होने का अत्यधिक खतरा पैदा हो जाता है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि ओर्गानोफॉस्फेट प्रेरित मधुमेह की बीमारी गट बैक्टीरिया (पेट और आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया) के जरिए संचालित होती है। इस अध्ययन का पूरा निष्कर्ष जर्नल जीनोम बायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
बीमार होने का खतरा तीन गुना अधिक
विश्वविद्यालय के समीप रहने वाले गांवों के लगभग 3,000 लोगों के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि जो व्यक्ति कीटनाशकों के लगातार संपर्क में रह रहे थे उनमें संपर्क में ना रहने वाले लोगों की तुलना में बीमार होने का खतरा तीन गुना अधिक होता है।
2030 में डायबिटीज़ होगी सातवीं सबसे जानलेवा बीमारी
गौरतलब है कि अप्रैल 2016 में आई डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज़ से 2012 में पूरी दुनिया में 15 लाख लोगों की मौत हुई थी। 2014 में या आंकड़ा 42.2 करोड़ तक पहुंच गया था। यह आंकड़ा पूरी दुनिया की वयस्क आबादी का लगभग 8.5 प्रतिशत था। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2030 तक पूरे विश्व में विभिन्न रोगों से होने वाली मौतों में मधुमेह सातवां रोग होगा।
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