Adulteration in Indian Milk: आज के समय में देश की लगभग 80 प्रतिशत आबादी पैकेट वाला दूध पीती है। पैकेट में मिलने वाला दूध पानी से भी पतला होता है और इसमें मिलावट का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। मिलावटी दूध के सेवन से बचने के लिए लोग डेयरी चलाने वाले स्थानीय लोगों से दूध लेते हैं, लेकिन यह सभी को आसानी से नहीं मिल सकता है। पैकेज्ड दूध और दूध उत्पादों में कीटनाशक, हैवी मेटल्स, मायकोटॉक्सिन, हार्मोन और यहां तक कि दवाओं जैसे हानिकारक पदार्थ के होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। मिलावटी पैकेज्ड दूध पीने से शरीर को गंभीर नुकसान हो सकते हैं, इसे समझने के लिए ओनलीमायहेल्थ की टीम ने इक्विनॉक्स लैब्स के संस्थापक और सीईओ अश्विन भद्री से बात की।
भारतीय दूध और मिल्क प्रोडक्ट्स में भारी मिलावट
भारत में दूध का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। पैकेट वाले दूध का सेवन शहरी आबादी सबसे ज्यादा करती है। दूध का उत्पादन और इसका व्यापार भी भारत में बड़ा स्थान रखता है। कुछ समय पहले भारतीय डेयरी एसोसिएशन द्वारा आयोजित 49वें डेयरी उद्योग सम्मेलन में बोलते हुए, भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने उल्लेख किया कि डेयरी और पशुपालन क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था का 4.5% हिस्सा है, जबकि डेयरी क्षेत्र अकेले 24% का योगदान देता है।
अश्विन भद्री ने बताया, "आज के समय में भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वैश्विक मिल्क प्रोडक्शन में भारत का योगदान लगभग 23 प्रतिशत है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि हैदराबाद में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में दूध में मिलावट जैसे खबर भी ऐसे ही देश में सामने आती है।" भारत में बेचे जाने वाले दूध में खतरनाक दूषित पदार्थ होते हैं। यही नहीं ग्लूकोज, यूरिया, रिफाइंड तेल, दूध पाउडर और पानी को मिलाकर बनाया गया सिंथेटिक दूध भी मार्केट में खूब बेचा जाता है। इसमें शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाने वाले हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसे केमिकल भी पाए जाते हैं।
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दूषित और मिलावटी दूध पीने के नुकसान
- पेट की समस्याएं: मिलावटी दूध पचाना मुश्किल होता है। इससे पेट दर्द, गैस, अपच, और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों में यह स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है।
- पोषण की कमी: मिलावटी दूध में असली दूध के पोषक तत्व नहीं होते हैं। इससे शरीर को जरूरी विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन की कमी हो सकती है। बच्चों के विकास में बाधा भी पड़ सकती है।
- किडनी खराब होना: यूरिया या अन्य रसायनों के ज्यादा सेवन से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।
- कैंसर का खतरा: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि लंबे समय तक मिलावटी दूध पीने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
मिलावटी दूध पीने से हॉर्मोनल असंतुलन, कमजोरी, और विकास में देरी जैसी समस्याओं का खतरा भी रहता है।
सिंथेटिक दूध का सेवन करने के नुकसान
अश्विन भद्री ने कहा, "भारत में मिलावटी दूध के कई मामले सामने आए जब इसमें पेंट, रसायन, तरल डिटर्जेंट और शैम्पू जैसे हानिकारक घटक बड़ी मात्रा में पाए गए।" इस दूध को धीमा जहर भी कहा जा सकता है। इसका नियमित सेवन करने से शरीर में खतरनाक केमिकल्स और हानिकारक पदार्थ पहुंचते हैं, जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बनते हैं।
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मिलावटी दूध का सेवन करने से बचने के लिए आपको हमेशा किसी नामी डेयरी या विश्वशनीय ब्रांड से ही दूध खरीदना चाहिए। इसके अलावा आप दूध की जांच एक चम्मच दूध को तश्तरी में डालकर भी कर सकते हैं। अगर दूध गाढ़ा है और धीरे-धीरे फैलता है तो वह शुद्ध हो सकता है। वहीं, अगर दूध पानी की तरह फैलता है तो उसमें मिलावट की आशंका रहती है। ध्यान रहे यह तरीका पूरी तरह से सही नहीं हो सकता है, इसलिए मिलावट की पुष्टि के लिए आप दूध की लैब टेस्ट भी करवा सकते हैं।
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