
शरीर में कई तरह के बदलाव होते रहते हैं। कई बार यह बदलाव आनुवांशिक कारणों के चलते होते हैं तो कुछ बदलावों की वजह हमारी गलत आदते भी होती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं तो उन्हें अन्य ब्लैडर कैंसर होने की संभावना बेहद अधिक होती है। अन्य कैंसर की तरह यह भी एक घातक रोग हो सकता है। इसमें व्यक्ति की जान का खतरा हो सकता है। आपको बता दें कि ब्लैडर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। जब किडनी शरीर के अपशिष्ट और पानी को फिल्टर करती है तो यह पेशाब को ब्लैडर में भेजती है। ब्लैडर में पेशाब धीरे-धीरे जमा हो जाती है। जब ब्लैडर में किसी तरह की समस्या आती है और यह अपशिष्ट पेशाब के साथ बाहर नहीं निकल पाते हैं तो इससे किडनी, पेशाब की नली व अन्य अंग भी डैमेज हो सकते हैं। इस लेख में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट और सर्जिकल ऑनकोलॉजी डॉक्टर प्रवीन गर्ग से जानते हैं शरीर में ब्लैडर कैंसर किस तरह से शुरू होता हैै।
शरीर में ब्लैडर कैंसर कैसे शुरू होता है? - How Bladder Cancer Occurs In Body In Hindi
डॉक्टर और NHS के अनुसार यदि आप कई वर्षों तक धूम्रपान करते हैं, तो सिगरेट आदि के टॉक्सिन व कैमिकल आपके ब्लड में चले जाते हैं। इसके बाद यह किडनी के द्वारा फिल्टर कर दिये जाते हैं। ब्लैडर में यूरिन के द्वारा यह टॉक्सिन और कैमिकल बाहर होते हैं तो ऐसे में ब्लैडर इनके संपर्क में बार-बार आता है। इससे ब्लैडर की परत की कोशिकाओं में परिवर्तन हो सकता है। जिससे ब्लैडर में कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, व्यक्ति के डीएनए में हुए बदलाव के कारण जब कोशिकाएं अनियंत्रित हो जाती हैं तो यह ब्लैडर में कैंसर का कारण बन सकती हैं। पहले तो यह एक ट्यूमर का निर्माण करती है। जिसके बाद इसमें कैंसर हो सकता है।

ब्लैडर कैंसर के कारण - Causes Of Bladder Cancer In Hindi
ब्लैडर कैंसर तब शुरू होता है जब ब्लैडर की कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन करती हैं। इस तरह के परिवर्तन कोशिकाओं को अनियंत्रित कर देते हैं। इस बदलाव में कई बार स्वस्थ कोशिकाएं नष्ट होने लगती है। अनियंत्रित कोशिकाएं ट्यमूर बनाती है और इससे शरीर के टिश्यू पर प्रभाव पड़ता है। इससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। ब्लैडर कैंसर के अन्य कारण और जोखिम कारकों को आगे जानते हैं।
- रेडिएशन थेरेपी: पहले किसी प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी से ब्लैडर कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
- कीमोथेरेपी: कुछ कीमोथेरेपी दवाएं आपके जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- रसायनों के संपर्क में: स्टडी से पता चलता है कि जो लोग डाई, रबर, चमड़ा, पेंट और हेयरड्रेसिंग आपूर्ति में उपयोग किए जाने वाले कुछ रसायनों के साथ काम करते हैं, उनमें ब्लैडर कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
- ब्लैडर में बार-बार इंफेक्शन होना: जिन लोगों को ब्लैडर में बार-बार संक्रमण, ब्लैडर में स्टोन या यूरिन ट्रैक्ट में संक्रमण होता है, उनमें स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा का खतरा बढ़ सकता है।
- क्रोनिक कैथेटर का उपयोग: जिन लोगों को अपने ब्लैडर में कैथेटर की दीर्घकालिक आवश्यकता होती है, उन्हें स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा का खतरा हो सकता है।
ब्लैडर कैंसर का इलाज - Treatment Of Bladder Cancer In Hindi
ब्लैडर कैंसर का इलाज इसके प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। आगे जानते हैं इसके इलाज का तरीका
- सर्जरी - सर्जरी के द्वारा कैंसर कोशिकाओं को हटाया जाता है।
- कीमोथेरेपी - ब्लैडर में कीमोथेरेपी से कैंसर का इलाज किया जा सकता है। यह तरीका ब्लैडर की परत में कैंसर को ठीक करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- रेडिएशन थेरेपी - कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के प्राथमिक उपचार के रूप में डॉक्टर इस तकनीक को चुन सकते हैं।
- इम्यूनो थेरेपी - यह तकनीक शरीर के इम्यून सिस्टम को एक्टिव किया जाता है। ताकि स्वस्थ कोशिकाएं कैंसर को नष्ट करने में सहायक हो सकें।
- टारगेट थेरेपी - जब किसी भी तकनीक से इलाज संभव नहीं होता है तो टारगेट थेरेपी का सहारा लिया जाता है।
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कैंसर के घातक बीमारी है इससे बचने के लिए आप धूम्रपान व शराब का सेवन सीमित मात्रा में ही करें। यह आपके शरीर के लिए खराब होते हैं। इसके अलावा डाइट में जंक फूड आदि का सेवन न करें। यह भी आपको बीमार करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
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