व्यक्ति के शरीर में हर अंग का एक महत्वपूर्ण कार्य है। वहीं, हर एक अंग दूसरे के कार्य से संबंधित होता है। किसी एक में खराबी आने से अन्य अंगों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। व्यक्ति के ब्लैडर में जाने वाली नसें जब सही तरह से कार्य नहीं कर पाती हैं, तो इससे ब्लैडर में यूरिन रोक पाने में मुश्किल होने लगती हैं। इस स्थिति को न्यूरोजेनिक ब्लैडर कह सकते हैं। इस समस्या में व्यक्ति का यूरिन पर कंट्रोल नहीं रहता है, जिसकी वजह से उसको समस्या हो सकती है। डॉक्टर की मानें तो किसी तरह से रोग व चोट की वजह से जब ब्लैडर और नर्वस सिस्टम पर पड़ता है, तो इससे न्यूरोजेनिक ब्लैडर की समस्या हो सकती है। इसका इलाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ उपायों से व्यक्ति की स्थिति में सुधार किया जा सकता है।
न्यूरोजेनिक ब्लैडर क्या है? - What Is Neurogenic Bladder In Hindi
न्यूरोजेनिक ब्लैडर, व्यक्ति के ब्लैडर से जुड़ी एक समस्या है। मेडिकवर अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर विकास भिसे से जानते हैं कि न्यूरोजेनिक ब्लैडर क्या है? साथ ही, यह भी जानेंगे कि इसकी शुरुआत कैसे होती है? ब्लैडर किड़नी के द्वारा फिल्टर यूरिन को इकट्ठा करता है और उसे शरीर से बाहर करता है। लेकिन, जब व्यक्ति के शरीर में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होता है या उसे किसी तरह की चोट का सामना करना पड़ता है, तो ऐसे में ब्लैडर के कार्य में बाधा आ सकती है। इस दौरान ब्लैडर यूरिन को रोक पाने या इकट्ठा नहीं कर पाता है, जिसकी वजह से व्यक्ति का यूरिन कभी भी बाहर आ जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति की लाइफस्टाइल प्रभावित हो सकती है। साथ ही, उनको रोजमर्रा के कार्यों को करने में भी परेशानी हो सकती है।
न्यूरोजेनिक ब्लैडर कैसे शुरु होता है? - How Neurogenic Bladder Occurs in Body in Hindi
ब्लैडर, सेंट्रल नर्वस सिस्टम (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी) और ब्लैडर की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली पेरिफेरियल नर्वस के बीच सामंजस्य से कार्य करता है। लेकिन, जब रीढ़ की हड्डी से गुजरने वाली नसों में किसी की समस्या आती है, तो इससे ब्लैडर और ब्रेन का कम्यूनिकेशन चैनल प्रभावित हो सकता है। इससे शरीर में न्यूरोजेनिक ब्लैडर की शुरुआत हो सकती है।
जैसे, यदि किसी व्यक्ति रीढ़ की हड्डी में लगी चोट ब्रेन के कम्यूनिकेशन चैनल को बाधित करती हैं, तो इससे ब्लैडर के कार्य अनियंत्रित हो सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति को बार-बार यूरिन आना, यूरिन को रोक पाने में परेशानी व ब्लैडर को पूरी तरह से खाली करने में दिक्कत आ सकती है। आसान शब्दों में कहा जाए तो ब्रेन और ब्लैडर के बीच के नसों के कम्यूनिकेशन चैनल में उत्पन्न बाधा के कारण यह रोग की शुरुआत होती है।
न्यूरोजेनिक ब्लैडर किन कारणों से हो सकता है- Causes Of Neurogenic Bladder In Hindi
न्यूरोजेनिक ब्लैडर को समझने के लिए आपको उसके कारणों को भी जानना चाहिए। मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस), पार्किंसंस रोग, रीढ़ की हड्डी में चोट और ट्यूमर जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियां ब्लैडर नियंत्रण के लिए जिम्मेदार नर्वस सिंग्नल्स को बाधित कर सकती हैं। इसके अलावा, जन्म से होने वाली समस्याएं जैसे स्पाइना बिफिडा न्यूरोजेनिक ब्लैडर का कारण बन सकती हैं।
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न्यूरोजेनिक ब्लैडर की समस्या का इलाज संभव नहीं है। लेकिन, डॉक्टर कुछ प्रकार की दवाओं और डाइट में बदलाव कर व्यक्ति की स्थिति को मैनेज करने का प्रयास कर सकते हैं। वहीं, न्यूरोजेनिक ब्लैडर की गंभीर स्थिति में व्यक्ति में कैथेटर लगाया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ दवाएं दी जा सकती हैं।