
जल्द ही इनसानी जिंदगी से अंधापन समाप्त हो सकता है। एक नये अनुसंधान ने यह उम्मीद पैदा हुई है। ब्रिटेन के कुछ वैज्ञानिक प्रयोगशाला में आंख का एक हिस्सा बनाने में कामयाब रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि यह कामयाबी अंधापन दूर करने में काफी मददगार होगी।
उन्होंने पहले प्रयोगशाला में आंख का एक हिस्सा विकसित किया और उसमें से रोशनी के प्रति संवेदनशील कोशिकाओं को निकालकर उसे इंजेक्शन के जरिये चुहिया की आंख में डाल दिया। वहां वे विकसित हुईं और उन्होंने मस्तिष्क और आंख के बीच महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित किया।
इस सफलता से उत्साहहित वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे अगले पांच साल में इस तरीके से किसी भी इनसान का इलाज करने में सफल हो जाएंगे। शोधकर्ता प्रोफेसर रॉबिन अली ने कहा कि इससे उन सभी लोगों को लाभ हो सकता है जो उम्र आधारित दृष्टिदोष से पीडि़त हैं। बुढ़ापे में अंधेपन का आम कारण है मैक्युलर डिजेनरेशन या मैक्युला संबंधी गड़बड़ी।
मैक्युला आंख की रेटिना के बीचोंबीच स्थित एक छोटा सा पीताभ हिस्सा होता है जिसकी मदद से ही स्पष्ट और बारीक दृष्टि संभव हो पाती है। जबकि रेटिना आंख के पिछले हिस्से में स्थित एक 'फिल्मई' होती है जो रोशनी के प्रति संवेदनशील होती है। फिलहाल इसके लिए कुछ उपचार जरूर हैं, मगर पक्का इलाज नहीं है।
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