हर साल मलेरिया दुनिया भर में हजारों जानें लील जाता है। वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि मलेरिया का परजीवी स्वयं को दवा के असर के खिलाफ अपना प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत कर लेता है। इस कारण अभी तक यह बीमारी काबू में नहीं आयी है। लेकिन, एक ताजा शोध ने उम्मीद की ऐसी किरण दिखायी है जिसके बाद यह उम्मीद लगायी जा सकती है कि मलेरिया को नियंत्रित किया जा सकेगा।
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने ऐसी दवा विकसित करने का दावा किया है जो, विटामिन बी1 का इस्तेमाल करके मलेरिया को रोकने में सफल रहेगी।
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिर्टी के औषधि विशेषज्ञ केविन सालिबा और उनके दल के नए शोध का विवरण नेचर कम्युनिकेशंस के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है। मानवों की तरह मलेरिया परजीवियों को बढ़ने और प्रसार के लिए विटामिन की जरूरत होती है। इसमें विटामिन बी1 (थियामिन) की प्रमुख भूमिका होती है।
सालिबा और उनके साथियों ने विटामिन बी1 के उपापचय के रास्तों को रोकने की दिशा में काम किया। उन्होंने कहा कि हम उन रास्तों को रोक सकते हैं जिनसे परजीवी विटामिन लेते हैं और उपापचय होता है। मलेरिया विरोधी प्रयासों के रास्ते की सबसे बड़ी समस्या यह रही है कि मलेरिया परजीवी की प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता रहता है।
सालिबा ने कहा कि हमने मलेरिया के खिलाफ जितनी दवाओं का इस्तेमाल किया उनमें से अधिकांश के खिलाफ मलेरिया परजीवी पर असर नहीं हुआ। अब एक नयी दावा का सामने आना महत्वपूर्ण है जो उर्जा उपापचय में एंजाइमों के बढ़ने को नियंत्रित करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की लगभग आबादी (3.3 अरब) के सामने मलेरिया का खतरा मंडरा रहा है।
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