
मौसम में बदलाव और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बच्चों को सर्दी-जुकाम, बुखार, गला दर्द और खांसी की समस्या होने लगती है। दरअसल, बच्चोंं की इम्यूनिटी कमजोर होती है, ऐसे में उनको बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। आपने नोटिस किया होगा कि बच्चों को सर्दी के साथ ही खांसी व बलगम की समस्या होने लगती है। जब संक्रमण फेफड़ों तक फैल जाता है, तो बच्चों को ब्रोंकाइटिस की समस्या हो सकती है। इस दौरान बच्चों के बलगम होने पर सांस लेने में परेशानी होती है। वैसे तो, डॉक्टर की दवाओं से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। लेकिन, कुछ घरेलू उपायों से भी आप इसके लक्षणों को दूर कर सकते हैं। आगे वेव क्योर सेंटर के नैचुरोपैथी विभाग के डॉक्टर एस डी पाठक से जानते हैं कि बच्चों में ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को दूर करने के लिए क्या घरेलू उपाय अपनाने चाहिए।
बच्चों में ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को दूर करने के घरेलू उपाय
शहद और गर्म पानी
शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया की वजह से होने वाले लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। सालों से खांसी और गले की जलन को दूर करने के लिए शहद का इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रोंकाइटिस में इंफेक्शन को दूर करने के नेचुरल गुण होते हैं। इसके उपयोग के लिए आप एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर बच्चे को पिलाएं। इससे बलगम पतला होता है और आसानी से बाहर आ जाता है।

नियमित रूप से भाप लेना
भाप लेने से बलगम ढीला होता है, जिससे बच्चे को सांस लेने में परेशानी नहीं होती है। इसके लिए आप एक पैन में पानी को उबाल लें। इसे बच्चे के रूम में रख दें। स्टीम से बच्चे की नाक खुलती है और उसका बलगम कम होता है।
अदरक की चाय
रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में होने वाली समस्या को दूर करने के लिए आप एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके सेवन से ब्रोन्कियल नलियों में सूजन कम होने में मदद मिलती है। यह गले की परेशानी को दूर करता है और खांसी को कम करने में मदद करता है। इसके इस्तेमाल के लिए आप थोड़े से अदरक को कूटकर करीब दो कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर गुनगुना करें और बच्चे को पिलाएं।
हल्दी वाला दूध
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। दूध के साथ हल्दी का सेवन करने से गले और अन्य संक्रमण को दूर करने में मदद मिलती है। इससे सूजन तेजी से कम होती है और इम्यूनिटी पावर मजबूत होती है।
नमक के पानी से गरारे
गले, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट और फेफड़ों में जमा बलगम और सूजन को कम करने के लिए नमक के पानी से गरारें खर सकते हैं। बच्चों को गरारें कराने के लिए आप एक गिलास पानी को गर्म कर उसमें करीब एक चौथाई चम्मच मिलाएं। जब पानी गुनगुना हो जाए तो इससे बच्चे को गरारे करने के लिए दें।
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बच्चों को रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से जुड़ी समस्या में सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसे दूर करने के लिए आप ऊपर बताए घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। यदि, बच्चे को समस्या अधिक हो रही है तो ऐसे में आप तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें।
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