Hole in Heart Symptoms: आज के समय में हार्ट से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। जानकारी की कमी के कारण लोग सही समय इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं और गंभीर रूप से इन बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। दिल से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, दिल में छेद होना। दिल में छेद होने की समस्या को मेडिकल की भाषा में 'कॉन्जेनिटल हार्ट डिफेक्ट्स' (Congenital Heart Defects in Hindi) कहते हैं और यह बीमारी ज्यादातर जन्मजात होती है। दिल में छेद होने के कारण नवजात बच्चों के जन्म के बाद उनका स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित होती है। कई बार पेरेंट्स दिल में छेद होने के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं और इसकी वजह से शिशुओं की मौत भी हो जाती है। सही समय पर दिल में छेद होने की समस्या के लक्षणों को पहचानकर इलाज लेना बहुत जरूरी माना जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं दिल में छेद होने पर दिखने वाले लक्षणों के बारे में।
दिल में छेद के लक्षण- Hole in Heart Symptoms in Hindi
दिल में छेद होने की समस्या में सही समय पर इलाज न लेना जानलेवा हो सकता है। लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ के के कपूर के मुताबिक दिल में छेद होने का मतलब यह है कि हार्ट के बीच की दीवार में छेद हो जाना, इसकी वजह से खून एक चैम्बर से दूसरे चैम्बर में लीक करने लगता है। नवजात शिशुओं में इस समस्या के लक्षण जल्दी पहचान में नहीं आते हैं। इसकी पहचान के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षण किया जाता है। दिल में छेद होने पर प्रमुख रूप से दिखने वाले लक्षण इस प्रकार से हैं-
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1. शिशुओं में दिल में छेद की समस्या होने पर उसके शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बना रहता है और गर्मी के मौसम में उसे कंपकंपी भी हो सकती है। इस स्थिति में आपको डॉक्टर की सलाह लेकर जांच जरूर करानी चाहिए।
2. दिल में छेद होने की वजह से मरीज के फेफड़ों पर भी बुरा असर पड़ता है। इसकी वजह से फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है।
3. बोलते समय या चलते-फिरते समय सांस फूलना भी दिल में छेद होने का लक्षण होता है। इसकी वजह से शिशुओं को बोलने में परेशानी होती है।
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4. दिल में छेद होने की समस्या में बच्चों के शरीर का रंग नीला पड़ जाता है। इस स्थिति में होंठ और नाखून बुरी तरह से प्रभावित होते हैं।
5. बच्चों में मिल्कफीड कराते समय उन्हें तकलीफ होती है और इस दौरान बच्चे रोना शुरू कर सकते हैं।
6. दिल में छेद होने की वजह से बच्चों का वजन जल्दी नहीं बढता है और इसकी वजह से उनका शारीरिक विकास भी प्रभावित होता है।
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दिल में छेद होने पर बचाव
दिल में छेद होने के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज लेना बहुत जरूरी होता है। यह समस्या ज्यादातर शिशुओं में आनुवांशिक कारणों से होती है। लक्षण दिखने पर बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। सही जांच और इलाज से आप बच्चे को परेशानी से जूझने से बचा सकते हैं। इस स्थिति में इलाज में देरी जानलेवा मानी जाती है।
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