High Creatinine Symptoms in Hindi: क्रिएटिनिन एक चयापचय उत्पाद है जो शरीर में ऊर्जा का उत्पादन करता है। हर व्यक्ति के शरीर का क्रिएटिनिन स्तर दूसरे से अलग हो सकता है। जैसे हम सभी के शरीर में शुगर लेवल अलग होता है। क्रिएटिनिन का स्तर मांसपेशियों, लिंग, उम्र और अन्य स्वास्थ्य कारकों पर निर्भर करता है। क्रिएटिनिन को मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर में मापा जाता है। बुजुर्गों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं इसलिए उनके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर कम हो सकता है। जिन लोगों को मांसपेशियों से संबंधित समस्या है उनके शरीर में भी क्रिएटिनिन का स्तर कम हो जाता है। क्रिएटिनिन का हाई और लो लेवल शरीर के लिए हानिकारक होता है। क्रिएटिनिन का स्तर जब जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो किडनी रोग और श्वसन संबंधी रोगों का खतरा दोगुना हो जाता है। क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ने के कारण हृदय रोग का खतरा भी ज्यादा हो जाता है। क्रिएटिनिन के सामान्य स्तर की बात करें, तो एक वयस्क पुरुष में इसकी मात्रा 0.9 से 1.3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होनी चाहिए। महिलाओं में यह स्तरक 0.7 से 1.1 मिलीग्राम प्रति डीसीलीटर होना चाहिए। वहीं शिशुओं में यह स्तर 0.2 मिलीग्राम प्रति डीएल होता है। आगे हम आपको बताएंगे क्रिएटिनिन लेवल के ज्यादा होने के लक्षणों के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
शरीर में क्रिएटिनिन लेवल बढ़ने के लक्षण- High Creatinine Symptoms
1. थकान महसूस होना- Feeling Fatigue
अगर आपको थकान महसूस होती है, तो यह क्रिएटिनिन के बढ़ते स्तर का एक लक्षण हो सकता है। दरअसल किडनी, क्रिएटिनिन को फिल्टर करने का काम करती है। लेकिन अगर शरीर में शुगर लेवल ज्यादा है, तो यह स्थिति किडनी फंक्शन को प्रभावित करेगी। इससे क्रिएटिनिन फिल्टर नहीं हो सकेगा और शरीर में इसका स्तर बढ़ने से थकान महसूस हो सकती है। थकान के साथ-साथ हाथ और पैरों में झुनझुनी, बार-बार पेशाब आना, भूख और प्यास बढ़ने का एहसास भी हो सकता है।
2. अनियमित हार्ट रेट- Irregular Heart Rate
अगर आपको हार्ट से संबंधी विकार है, तो किडनी पर इसका बुरा असर पड़ेगा। हार्ट की बीमारी के कारण किडनी का फिल्टर प्रोसेस प्रभावित होगा और शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाएगा। इस स्थिति में अनियमित दिल की धड़कन, कमजोरी, उल्टी या मतली जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
3. मतली और उल्टी- Nausea and Vomiting
यूरिनरी ट्रैक्ट में रुकावट के कारण शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाता है। यूरिनरी ट्रैक्ट में यह रुकावट तब होती है जब नली में किडनी स्टोन फंसा हो या ट्यूमर की स्थिति हो। क्रिएटिनिन स्तर बढ़ जाने से पेशाब करते समय दर्द, पेशाब में खून आना, बुखार, मतली या उल्टी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
4. सांस लेने में तकलीफ होना- Shortness of Breath
आर्टरीज की दीवारों पर रक्त का प्रभाव ज्यादा होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। उच्च बीपी की स्थिति में किडनी की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है और क्रिएटिनिन का स्तर असामान्य हो जाता है। इस स्थिति में सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। हाई बीपी के कारण सिर दर्द, चक्कर आना या नाक से खून की स्थिति भी बन सकती है।
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5. मांसपेशियों में दर्द होना- Muscle Pain
क्रिएटिनिन लेवल बढ़ने से मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है। क्रिएटिनिन का स्तर सामान्य करने के लिए कई मामलों में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स खाने की सलाह देते हैं। क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ने के दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम करें और हेल्दी डाइट का सेवन करें।
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