किसी व्यस्क को उच्च रक्तचाप की समस्या होगी अथवा नहीं, इसका पता अब बचपन में ही लग सकता है। वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में कहा कि अब यूरिन टेस्ट के जरिये यह पता लगाया जा सकेगा कि किसी बच्चे को भविष्य में उच्च रक्तचाप होगा अथवा नहीं।
जॉर्जिया रीजेंट्स यूनिवर्सिटी के शोध में 10 से 19 साल के 19 प्रतिभागियों के यूरिन टेस्ट के दौरान यूरिन में सोडियम की मात्रा से यह पता लगाया है कि उन्हें उच्च रक्तचाप का कितना खतरा है।
शोधकर्ताओं ने माना कि गलत जीवनशैली के अलावा बहुत अधिक तनाव के दौरान यूरिन में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। इससे यह पता चल सकता है कि आगे चलकर यह सोडियम कितना खतरा पैदा कर सकता है।
शोधकर्ता ग्रेगरी हार्शफील्ड के अनुसार, ''इस शोध से न सिर्फ बच्चे के यूरिन टेस्ट से उसके भविष्य को सेहतमंद बनाया जा सकता है बल्कि उसके अभिभावकों को भी हाई बीपी व स्ट्रोक के खतरों से बचाने में मदद मिल सकती है।''
सोडियम मानव शरीर की रक्त कोशिकाओं में फ्लूड की मात्रा बढ़ा देता है, जिसका प्रभाव ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। अगर सही समय पर इसकी पहचान करके बचाव के तरीके अपनाएं जाएं तो आगे चलकर हार्ट अटैक, हाई बीपी व स्ट्रोक जैसे खतरों से बचा जा सकता है।
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