Ayurvedic Treatment in High Blood Pressure: कुछ वर्षों पहले हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या बुजुर्गों में ज्यादातर देखने को मिलती थी। लेकिन, समय के साथ लोगों की बदलती जीवनशैली का प्रभाव सेहत पर भी पड़ने लगा है। आज दुनियाभर में हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के रोगियों की संंख्या में तेजी इसे इजाफा हुआ है। चिंता करने वाली बात यह है कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अब हर आयु वर्ग के लोगों को होने लगी है। शहीर क्षेत्र को युवा इस बीमारी के चपेट में आने लगे हैं। इसका बड़ा कारण जीवनशैली और खानपान में बदलाव है। हालांकि, इस समस्या से बचाव की कई इलाज प्रक्रिया है। लेकिन, आयुर्वेद में रोग के कारणों को कम किया जाता है। इससे ब्लड प्रेशर की समस्या में तेजी से आराम मिलता है। हालांकि, गंभीर रोगियो को कुछ समय इंतजार करना पड़ सकता है। लेकिन, आयुर्वेद रोग को कंट्रोल करने में सक्षम होता है। ओनली माय हेल्थ अपनी आरोग्य विद आयुर्वेद सीरीज में आज आपको हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के बारे में बताने जा रहा है। इस रोग के कारण, लक्षण और इलाज को समझने के लिए हमारी टीम ने मुरैना के सरकारी अस्पताल में कार्यरत आयुर्वेद डॉक्टर सोनल गर्ग से बात की। आगे जानते हैं कि आयुर्वेद में हाई ब्लड प्रेशर का इलाज कैसे किया जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर के कारण - Causes Of High Blood Pressure In Hindi
सभी अंगों को संचालन के लिए रक्त की आवश्यकता होती है। हृदय नसों के द्वारा पूरे शरीर को रक्त की आपूर्ति करता है। शरीर के सभी अंगों को निश्चित प्रेशर के साथ खून के बहाव जरूरी है। लेकिन, नसों में होने वाला दबाव ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर को आयुर्वेद में रक्तगत वात भी कहा जाता है। यह लोगों को होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है। इसमें धमनियों (नसों) में रक्त का दबाव इतना अधिक होता है कि हृदय रोग हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर तब होता है जब वात दोष (जो तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है) असंतुलित हो जाता है। ऐसे में शरीर में अन्य दोषों के संतुलन में गड़बड़ी होने लगती है।
पंचकर्म के द्वारा हाई ब्लड प्रेशर का इलाज कैसे किया जाता है? - Panchkarma Therapies For High Blood Pressure In Hindi
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने के लिए मरीज की जीवनशैली, खानपान में बदलाव करने के साथ ही, पंचकर्म थेरेपी के द्वारा इलाज किया जाता है। इन थेरेपी से रोगी की स्थिति में सुधार होता है। साथ ही, दवाओं का असर तेजी से होता है।
- अभ्यंग: अभ्यंग थेरेपी में मरीज के शरीर की तेल मालिश की जाती है। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। नियमित अभ्यंग अन्य उपचारों और जीवनशैली में बदलाव के साथ मिलकर ब्लड प्रेशर को नियंंत्रण करने में सहायक होती है।
- विरेचन थेरेपी: इस थेरेपी से शरीर के अतिरिक्त पित्त दोष (तीन आयुर्वेदिक दोषों में से एक) को नियंत्रित किया जाता है। यह विषहरण और सूजन को कम करने में मदद कर सकती है, जो हाई बीपी के जोखिम कारकों को कम में सहायक होती है।
- शिरोधारा: शिरोधारा एक ऐसी चिकित्सा है जिसमें माथे पर गर्म तेल की निरंतर धारा डाली जाती है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत करने, तनाव कम करने में मदद कर सकता है। रोगी की मौजूदा स्थिति के आधार पर हाई ब्लड प्रेशर में होने वाले तनाव को मैनेज करने के लिए आयुर्वेदाचार्य शिरोधारा के लिए सुझाव कर सकते हैं।
- नस्य: नस्य में नासिका मार्ग के माध्यम से हर्बल तेल या दवाएं दी जाती है। इसका उपयोग दोषों को संतुलित करने और श्वसन कार्यों में सुधार करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, यह हाई बीपी का सीधा इलाज नहीं है, लेकिन उसके साथ होने वाले जोखिम कारकों को कम कर सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर में डाइट में क्या बदलाव करें - Dietary Changes in High Blood Pressure In Hindi
सात्विक आहार का सेवन करें
आयुर्वेद में, सात्विक आहार से आप हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए आप डाइट में फलों और सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार लौकी और दाल के सूप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल में मददगार हो सकता है। इसके लिए आप साबुत अनाज, मेवे, सीड्स, फलियों को डाइट में शामिल करें। साथ ही, मसालेदार आहार, तैलीय आहार और जंक फूड खाने से दूरी बनाएं।
सोडियम का सेवन कम करें
अत्यधिक सोडियम का सेवन हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को बढ़ा सकता है। इससे शरीर में वाटर रिटेनशन हो सकता है और रक्तचाप का स्तर बढ़ सकता है। ऐसे में आप आहार में नमक का सेवन कम करें।
दोषों को शांत करने वाले आहार का सेवन करें
हाई ब्लड प्रेशर में शरीर में मेटाबॉलिज्म, पाचन और गर्मी को नियंत्रित करने के लिए आप खीरा, तरबूज, नारियल पानी, पुदीना, सीताफल और सौंफ़ का सेवन कर सकते हैं। इससे सूजन में आराम मिल सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर में लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करें? - LifeStyle changes In High Blood Pressure In Hindi
हाई ब्लड प्रेशर को दूर करने के लिए आप लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव करें। नियमित रूप से योग करने से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए आप उत्तानासन (आगे की ओर झुकना), पश्चिमोत्तानासन, और सुप्त बद्ध कोणासन , तनाव को कम करने, ब्लड सर्कुलेश में सुधार करने और मांसपेशियों को आराम पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : आयुर्वेद में डायबिटीज का इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेदाचार्य से जानें
जीवनशैली में बदलाव कर आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। आयुर्वेदिक इलाज के साथ ही मरीज को कुछ विशेष तरह के योगासन व मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है। हम अपनी सीरीज आरोग्य विद आयुर्वेद में अगले सप्ताह नई जानकारी लेकर आएंगे। आयुर्वेद के माध्यम से अन्य रोगों के इलाज को जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट https://www.onlymyhealth.com के साथ जरूर जुड़ें। साथ ही, हमारे लेखों को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करें, ताकि वह भी आयुर्वेदिक उपचारों के विषय में जागरूक हों और उनको भी इसका लाभ मिलें।