
सुबह साढ़े छह बजे का वक्त दिल के मरीजों के लिए खतरनाक होता है। उन्हें इस समय जरा संभल कर रहने की जरूरत है। क्योंकि दिल के दौरे और स्ट्रोक्स का खतरा इसी समय सबसे ज्यादा होता है। ब्रिटेन की दो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के बाद यह दावा किया है।
बोस्टन स्थित ब्रिंघम एंड वूमेन्स हॉस्पिटल और ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह शोध किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक उन्होंने देखा कि ज्यादातर लोगों को दिल का दौरा सुबह साढ़े छह बजे ही पड़ता है। इसका कारण पता करने के लिए उन्होंने 12 स्वस्थ लोगों की दिनचर्या का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि सुबह साढ़े खून में मौजूद विशेष प्रोटीन 'प्लासमिनोजेन एक्टिेवेटर इनहिबिटर-1' (पीएआई-1) का स्तर सबसे ज्यादा होता है। एीएआई-1 रक्त के थक्कों को टूटने से की रफ्तार धीमी कर देता है। इससे धमनियों में थक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है। यह दिल के दौरे और स्ट्रोक्स का कारण बन जाता है। इससे बचने के लिए चिकित्सक की सलाह लें।
शोधकर्ता डॉक्टर फ्रैंक शीर के मुताबिक रक्त में सुबह पीएआई-1 प्रोटीन का स्तर बढ़ने का कारण बॉडी क्लॉक में छिपा है। जैविक घड़ी दिन के 24 घंटों के हिसाब से शरीर को व्यवस्थित करती है। शोध में शामिल सभी 12 लोगों की दिनचर्या अलग-अलग थी। यानी सिर्फ जैविक घड़ी ही वह कारण हो सकती है, जिसके कारण रोज निश्चित समय (सुबह 6:30) पर सभी लोगों में पीएआई-1 का स्तर ज्यादा हो जाता है। वैज्ञानिक अब अध्ययन करना चाहते हैं कि डायबिटीज और मोटापा किस प्रकार जैविक घड़ी को प्रभावित करता है। इससे दिल की बीमारियों को रोकने के तरीके खोजने में मदद मिलेगी। शोध की रिपोर्ट जर्नल 'ब्लड' में प्रकाशित हुयी है।
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