
हाल ही में आए एक शोध की रिपोर्ट से पता चला है कि मां बनने के एक साल के भीतर यदि महिलाएं अपना वजन नियंत्रण में न करें तो उन्हें हृदयरोग, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई गंभीर बीमारियां घेर सकती हैं।
कनाडा के शहर टोरंटो के माउंट सिनाई हॉस्पिटल के डायबिटीज सेंटर ने अपने नए शोध में यह बताया है कि महिलाओं के लिए शिशु को जन्म देने के बाद के पहले 3 महीने सुरक्षित होते हैं, क्योंकि इस दौरान उनके शरीर में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होते इसीलिए उन्हें इस दौरान हृदयरोग, मधुमेह या हाई ब्लड प्रेशर का खतरा उतना अधिक नहीं रहता है। यह बात ब्रिटिश दैनिक 'डेली मेल' में छपी रिपोर्ट में बतायी गयी।
शोध पत्रिका 'डायबिटीज केयर' में प्रकाशित शोध के अनुसार शिशु के जन्म के 3 महीने के बाद पूरे साल तक मां के शरीर में तरह-तरह के बदलाव होते हैं। और इस बीच उनके शरीर में हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल और इंसुलिन की सक्रियता काफी बढ़ जाती है और मांओं के हृदय संबंधी रोग से ग्रसित होने की आशंका काफी बढ़ जाती है।
इस शोध के दौरान 300 गर्भवती महिलाओं पर पूरे 9 महीने और बच्चे के जन्म के एक साल बाद तक नजर रखी गई और उनकी नियमित जांच भी की गई। इन जांचों में पाया गया कि अगर बच्चे को जन्म देने के एक साल के अंदर मां ने अपना वजन नियंत्रित नहीं किया तो उसके मधुमेह से पीड़ित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि शिशु के जन्म के एक साल के भीतर तीन चौथाई मांओं ने अपने वजन पर काबू पा लिया और उनका कोलेस्ट्राल तथा रक्तचाप का स्तर भी सामान्य रहा। लेकिन बाकी एक तिहाई महिलाओं ने अपना वजन नियंत्रित नहीं किया और वह बढ़ गया, जिस कारण उनके मधुमेह और हृदयरोग से पीड़ित होने की संभावना भी काफी बढ़ गई।
इस संदर्भ में शोधकर्ता डॉक्टर रवि रत्नाकरन ने बताया कि इस शोध के कारण अब महिलाओं को शिशु के जन्म के एक साल के अभीतर वजन घटाने की सलाह दी जाती है।
Source: Diabetes Care, Daily Mail
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