आपका खानपान, आदतें और जीवनशैली आपकी सेहत को तय करती है। आजकल अधिकांश लोगों के खराब खानपान से लेकर जीवनशैली की आदतों का असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इतना ही नहीं, हमने अपनी उन ही सब आदतो को अपने बच्चों को भी सिखा दिया है, जिसके कारण वह आने वाले समय में कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। हाल में हुए एक अध्ययन की मानें, तो यदि बच्चे अपने बचपन में स्वस्थ खानपान का सेवन करते हैं, तो भविष्य में उन्हें दिल की बीमारियों का खतरा बहुत कम होता है। यह अध्ययन माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीति प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह छोटे बच्चों के लिए एक स्वस्थ भोजन के वातावरण, सही खानपान की आदतों और बचपन में स्वस्थ वजन के रखने का समर्थन करता है।
क्या कहती है रिसर्च
इस नए शोध में शोधकर्ताओं ने पाया है कि बचपन में स्वस्थ भोजन के व्यवहार से आने वाले जीवन में अधिक वजन यानि मोटापा और हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित, अध्ययन में माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीति प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो छोटे बच्चों के लिए एक स्वस्थ भोजन वातावरण बनाने के लिए है, जो बच्चे में सही खानपान के व्यवहार के विकास और बचपन में स्वस्थ वजन के रखरखाव का समर्थन करता है।
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यह शोध बच्चों को यह चुनने की अनुमति देना कि स्वस्थ विकल्पों से बने वातावरण में क्या और विशेष रूप से कितना खाया जाए, बच्चों को भोजन के बारे में निर्णय लेने और अंततः अपने फैसले लेने के लिए प्रोत्साहित करता है और जीवन भर के लिए एक स्वस्थ वजन से जुड़े खाने के पैटर्न को विकसित करने में उनकी मदद कर सकता है।
अध्ययन के शोधकर्ता एलेक्सिस सी वुड, बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन ह्यूस्टन अमेरिका का कहना है, "माता-पिता को बच्चे की स्वस्थ खानपान की आदतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि बच्चे को क्या खाना चाहता है।"
माता-पिता को बच्चों को स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और खाने के लिए लगातार समय देना चाहिए। बच्चों को यह चुनने की अनुमति देना कि वे कौन से स्वस्थ विकल्पों में से कौन सा खाद्य पदार्थ खाना चाहते हैं। स्वस्थ या नए खाद्य पदार्थों के साथ उन खाद्य पदार्थों को बच्चें को दें, जो उनको पहले से ही पसंद हैं। इसके अलावा, बच्चों को खाने की इच्छा से अधिक खाने के लिए दबाव डालने से बचें।
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बचपन से 1 से 5 साल की उम्र में ये व्यवहार सामान्य माना जाता है, क्योंकि बच्चे उस समय खाद्य पदार्थों के स्वाद और बनावट के बारे में सीख रहे होते हैं।
"बच्चों के खाने का व्यवहार उनके जीवन में बहुत से लोगों से प्रभावित होता है, इसलिए आदर्श रूप से पूरे परिवार को स्वस्थ भोजन की आदतों को अपनाना चाहिए क्योंकि बच्चे की पहली पाठशाला परिवार होता है और वह उससे सभी अच्छी और बुरी आदतें सीखता है।"
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