बचपन में स्‍वस्‍थ खानपान की आदतें कर सकती है भविष्‍य में दिल की बीमारियों के खतरे को कम

स्‍वस्‍थ खानपान सेहत की कुंजी है। आपकी सेहत आपके खानपान से जुड़ी है। शोध में पाया गया है कि बचपन में स्‍वस्‍थ खानपान आगे चलकर दिल की बीमारियों के खतरें को कम करता है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
बचपन में स्‍वस्‍थ खानपान की आदतें कर सकती है भविष्‍य में दिल की बीमारियों के खतरे को कम


आपका खानपान, आदतें और जीवनशैली आपकी सेहत को तय करती है। आजकल अधिकांश लोगों के खराब खानपान से लेकर जीवनशैली की आदतों का असर उनके स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ रहा है। इतना ही नहीं, हमने अपनी उन ही सब आदतो को अपने बच्‍चों को भी सिखा दिया है, जिसके कारण वह आने वाले समय में कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। हाल में हुए एक अध्‍ययन की मानें, तो यदि बच्‍चे अपने बचपन में स्‍वस्‍थ खानपान का सेवन करते हैं, तो भविष्‍य में उन्‍हें दिल की बीमारियों का खतरा बहुत कम होता है। यह अध्ययन माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीति प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह छोटे बच्चों के लिए एक स्वस्थ भोजन के वातावरण, सही खानपान की आदतों और बचपन में स्वस्थ वजन के रखने का समर्थन करता है।

Healthy Eating Habits In Chikdhood

क्‍या कहती है रिसर्च 

इस नए शोध में शोधकर्ताओं ने पाया है कि बचपन में स्वस्थ भोजन के व्यवहार से आने वाले जीवन में अधिक वजन यानि मोटापा और हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित, अध्ययन में माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीति प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो छोटे बच्चों के लिए एक स्वस्थ भोजन वातावरण बनाने के लिए है, जो बच्‍चे में सही खानपान के व्यवहार के विकास और बचपन में स्वस्थ वजन के रखरखाव का समर्थन करता है।

इसे भी पढ़ें: भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या पहुंची लगभग 60,000, सरकार ने कहा हमें वायरस के साथ रहना सीखना होगा

यह शोध बच्चों को यह चुनने की अनुमति देना कि स्वस्थ विकल्पों से बने वातावरण में क्या और विशेष रूप से कितना खाया जाए, बच्चों को भोजन के बारे में निर्णय लेने और अंततः अपने फैसले लेने के लिए प्रोत्साहित करता है और जीवन भर के लिए एक स्वस्थ वजन से जुड़े खाने के पैटर्न को विकसित करने में उनकी मदद कर सकता है। 

Eating Habits In Childhood Can Reduce The Risk Of Heart Diseases Later

अध्‍ययन के शोधकर्ता एलेक्सिस सी वुड, बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन ह्यूस्टन अमेरिका का कहना है, "माता-पिता को बच्‍चे की स्वस्थ खानपान की आदतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि बच्चे को क्या खाना चाहता है।"

माता-पिता को बच्चों को स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और खाने के लिए लगातार समय देना चाहिए। बच्‍चों को यह चुनने की अनुमति देना कि वे कौन से स्‍वस्‍थ विकल्‍पों में से कौन सा खाद्य पदार्थ खाना चाहते हैं। स्वस्थ या नए खाद्य पदार्थों के साथ उन खाद्य पदार्थों को बच्‍चें को दें, जो उनको पहले से ही पसंद हैं। इसके अलावा, बच्चों को खाने की इच्छा से अधिक खाने के लिए दबाव डालने से बचें।

इसे भी पढ़ें: सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद दिल्‍ली के AIIMS में भर्ती हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

बचपन से 1 से 5 साल की उम्र में ये व्यवहार सामान्य माना जाता है, क्योंकि बच्चे उस समय खाद्य पदार्थों के स्वाद और बनावट के बारे में सीख रहे होते हैं। 

"बच्चों के खाने का व्यवहार उनके जीवन में बहुत से लोगों से प्रभावित होता है, इसलिए आदर्श रूप से पूरे परिवार को स्वस्थ भोजन की आदतों को अपनाना चाहिए क्‍योंकि बच्‍चे की पहली पाठशाला परिवार होता है और वह उससे सभी अच्‍छी और बुरी आदतें सीखता है।"

Read More Article On Health News In Hindi

Read Next

सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद दिल्‍ली के AIIMS में भर्ती हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version