Benefits of Antioxidants for Elderly Eye Health: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, शरीर बूढ़ा हो जाता है। बुढ़ापे में कई तरह की शारीरिक समस्याएं होती हैं जिनमें से एक है आंखों की समस्याएं। बुजुर्गों को केंद्र दृष्टि में धुंधलापन, सीधे रेखाओं का तिरछा दिखना, रंगों की पहचान में कठिनाई आदि लक्षण नजर आने लगते हैं। यह मैक्युलर डिजनरेशन के लक्षण हैं। इसके अलावा दृष्टि धुंधली या अस्पष्ट होना, मोतियाबिंद का लक्षण है। आंखों के अंदर दबाव बढ़ने के कारण ग्लूकोमा रोग भी हो जाता है। बुजुर्गों में डायबिटिक रेटिनोपैथी, ड्राई आई सिंड्रोम, रेटिनल डिटेचमेंट भी बहुत कॉमन है। इन सभी बीमारियों के प्रभाव को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता। लेकिन इन बीमारियों से बचने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। यह गारंटी तो नहीं है कि एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन करने से आंखों की दृष्टि ठीक हो जाएगी, लेकिन आंखों को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स को डाइट में शामिल किया जा सकता है। आगे जानेंगे बुजुर्गों की आंखों के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स के फायदे और एंटीऑक्सीडेंट्स के स्रोत। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दुर्गा सहाय नर्सिंग होम, यूपी बिजनौर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ विनीत माथुर से बात की।
बुजुर्गों की आंखों के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स के फायदे- Benefits of Antioxidants for Elderly Eye Health
बुजुर्गों की आंखों को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स बेहद फायदेमंद है। इसे डाइट में शामिल करने से कई फायदे मिलते हैं-
- एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन करने से मैक्युलर डिजनरेशन का खतरा कम होता है। यह बुजुर्गों में होने वाली एक समस्या है। यह बीमारी, रेटिना के केंद्र भाग को प्रभावित करती है।
- मोतियाबिंद या कैटरेक्ट के लक्षणों से बचने के लिए भी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स को शामिल करना फायदेमंद माना जाता है।
- कई विटामिन्स आंखों की दृष्टि को सुधारने में मदद करता है। विटामिन-ए या बीटा कैरोटीन की मदद से रात में देखने की क्षमता में सुधार होता है।
- कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं जिससे आंखों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और आंखों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है।
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बुजुर्गों की आंखों के लिए कौन से एंटीऑक्सीडेंट्स फायदेमंद होते है?- Antioxidants for Elderly Eye Health
- रेटिना के लिए विटामिन-ए फायदेमंद होता है। इसे डाइट में शामिल करने से देखने की क्षमता में सुधार होता है। विटामिन-ए रिच फूड्स की बात करें, तो पालक, केला, लाल मिर्च, कद्दू, शकरकंद, गाजर आदि को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
- मैक्युलर डिजनरेशन के जोखिम को कम करने के लिए डाइट में विटामिन-बी6, बी9 और बी12 आदि को शामिल करें। अंडे, डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन-बी पाया जाता है।
- आंखों को मोतियाबिंद और मैक्युलर डिजनरेशन जैसी बीमारियों से बचाने के लिए विटामिन-सी भी फायदेमंद होता है। विटामिन-सी रिच फूड्स की बात करें, तो डाइट में संतरा, नींबू, स्ट्रॉबेरी, कीवी आदि को शामिल कर सकते हैं।
- आंखों की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने के लिए डाइट में विटामिन-ई को शामिल करें। बादाम, सूरजमुखी के बीज, पालक आदि में विटामिन-ई पाया जाता है।
- डाइट में जिंक को शामिल करें। जिंक का सेवन करने से रेटिना की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है। कद्दू के बीज, काजू आदि में जिंक की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
- ड्राई आईज की समस्या को दूर करने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड फायदेमंद माना जाता है। अपनी डाइट में चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स, अखरोट आदि को शामिल कर सकते हैं।
इन एंटीऑक्सीडेंट्स को डाइट में शामिल करके आप आंखों की सेहत को बेहतर बना सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख का शेयर करना न भूलें।