
मधुमेह रोग को साइलेंट किलर के तौर पर जाना जाता है। यह बीमारी लाइलाज है। ज्यादातर इस बीमारी में घरेलु नुस्खें, स्वस्थ जीवनशैली और खानपान कारगर रहते है। इस बात की पुष्टि टेक्सास की बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन से संबद्ध एक अध्ययन में हुआ है। इस शोध के मुताबिक स्वस्थ्य आहार और नियमित व्यायाम मोटापे और मधुमेह से ग्रस्त वृद्धों और वयस्कों के लिए कई प्रकार से लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
शोध के मुताबिक
65 से 85 साल के वृद्धों के खानपान और जीवनशैली में छह माह गहन और सीमित हस्तक्षेप करते हुए शोधकर्ताओं ने जाना कि आहार और व्यायाम टाइप 2 मधुमेह रोगियों के लिए तो लाभदायक माने जाते हैं, इससे ग्लूकोज नियंत्रण, शारीरिक संरचना, शारीरिक क्रियातंत्र और अस्थि गुणवत्ता बेहतर होती है।लेकिन वृद्ध लोगों में ऊर्जा की कमी और उम्र संबंधी कारकों को देखते हुए इस पर संशय जताया जाता है ।
इस अध्ययन की मुख्य लेखिका अलेक्जेंड्रा सेली के अनुसार, “शारीरिक निष्क्रियता के कारण वृद्धों में टाइप 2 मधुमेह अत्यधिक प्रचलित है, जिसके साथ मोटापा और उम्र संबंधी कई कारक जुड़े हैं।” “मोटापा उम्र की चयापचय और शारीरिक जटिलताओं पर बुरा असर डालता है। जिसके फलस्वरूप जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।”
निष्कर्षो के अनुसार, उच्च आहार और नियमित आहार केवल युवा वयस्कों में ही नहीं वृद्धों के लिए भी लाभदायक है। साथ ही मधुमेह रोग के दौरान भी यह सकारात्मक परिणाम देते हैं।
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