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आयुर्वेद के अनुसार गुडूची (गिलोय) का सेवन करने से मिलते हैं ये 5 फायदे, इस तरह से करें डाइट में शामिल

Health Benefits of Guduchi according to Ayurveda: गुडूची को गिलोय भी कहा जाता है। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो कई बीमारियों से राहत दिलाती है।  
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आयुर्वेद के अनुसार गुडूची (गिलोय) का सेवन करने से मिलते हैं ये 5 फायदे, इस तरह से करें डाइट में शामिल


Health Benefits of Guduchi according to Ayurveda: कोरोना काल में आप सभी ने गिलोय का नाम जरूर सुना होगा। गिलोय को कुछ जगहों पर गुडूची भी कहा जाता है। गुडूची एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे अमृता' (अमरता का दिव्य अमृत) नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में गुडूची को सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। यह कई बीमारियों की रोकथाम करने में मददगार होती है। बदलते मौसम में गुडुची का सेवन किया जाए, तो यह बीमारियों के खतरे को कम करती है।

आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार का कहना है गुडुची में कई पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर में जमा टॉक्सिन को बाहर निकालकर इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं आयुर्वेद के अनुसार, गुडूची के फायदों के बारे में। इस विषय पर आयुर्वेदिक डॉ. दीक्षा भावसार ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है।

गुडूची के पोषक तत्व- Nutrients of Guduchi according to Ayurveda

डॉ. दीक्षा भावसार ने अनुसार, गुडुची एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक, एंटी-एजिंग, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-डायबिटिक और एंटी-कैंसर औषधि है। इस औषधि की सबसे खास बात यह है कि इसके साइड इफेक्ट्स नहीं है, इसलिए हर उम्र के लोग गुडुची का सेवन बिना किसी संकोच के कर सकते हैं। डॉक्टर का कहना है कि यूं तो गुडुची के  साइड इफेक्ट नहीं है, लेकिन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

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आयुर्वेद के अनुसार गुडूची के फायदे- Benefits of Guduchi according to Ayurveda

- गुडूची को आयुर्वेद में सबसे शक्तिशाली जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है। यह बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल बुखार, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों से राहत दिलाने में मददगार है। 

- हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो रोजाना एक सीमित मात्रा में गुडुची का सेवन किया जाए, तो यह इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर बदलते मौसम में बीमारियों का खतरा कम करने में मददगार होती है।

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- गुडुची शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर खून को साफ करती है, जिससे त्वचा पर होने वाले पिंपल्स, एक्ने और दाग-धब्बे कम होते हैं।

- यह आयुर्वेदिक औषधि डायबिटीज के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। गुडुची का सेवन करने से डायबिटीज रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

- यह मस्तिष्क टॉनिक और एडाप्टोजेन के तौर पर भी काम करता है। गुडुची को डाइट हिस्सा बनाने से मानसिक तनाव के स्तर को कम करने, याददाश्त में सुधारने और दिमागी शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है।

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Benefits-of-Guduchi-according-to-Ayurveda-inside

आयुर्वेद के अनुसार गुडुची का सेवन कैसे करें?- How to consume Guduchi according to Ayurveda?

डॉ. दीक्षा की मानें, गुडुची का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार गुडूची के सेवन का तरीका अपना सकते हैं।

1. गुडूची के पत्ते और तना

गुडूची की ताजी पत्तियां और तना को रात भर भिगो दें। सुबह उन्हें 1 गिलास पानी में आधा होने तक उबालें, छान लें और पी लें।

2. सूखी गुडूची (क्वाथ)

सूखी गुडूची को क्वाथ कहा जाता है। इसके लिए 10 ग्राम सूखी गुडूची को रात भर 400 मिली पानी में भिगोएं। सुबह इसे 100 मिलीलीटर तक उबालें, छान लें और पी लें। इसका स्वाद थोड़ा कड़वा लगे तो आप इसमें गुड़ भी मिला सकते हैं। आप इसे उबालते समय काढ़ा में तुलसी के पत्ते, हल्दी और लौंग भी मिला सकते हैं।

3. गिलोय पाउडर

रोजाना सुबह 1 चम्मच गिलोय पाउडर को गर्म पानी और शहद के साथ लें। इसका सेवन खाली पेट ही करें।

4. गिलोय का रस

आप भोजन से 1 घंटे पहले रोजाना सुबह 10 मिलीलीटर गर्म पानी के साथ गिलोय का रस पी सकते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गुडुची का सेवन नहीं करना चाहिए। 

Image Credit: Freepik.com

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