
बॉलीवुड के मुन्ना भाई ने अपनी 60 साल की जिंदगी में निजी तौर पर और पेशेवर रूप से बहुत सी चीजें देखी हैं, जिसने उनके मानसिक स्वास्थ्य को काफी प्रभावित किया है। नशे की लत से लेकर रिश्तों में विफलता और जेल यह तीनों ही जिंदगी का अहम हिस्सा रहा है।
अगर बॉलीवुड में किसी की जिंदगी विवादों से घिरी और प्रेरणादायक रही है तो वह सिर्फ और सिर्फ संजय दत्त की। बॉलीवुड के मुन्ना भाई ने अपनी 60 साल की जिंदगी में निजी तौर पर और पेशेवर रूप से बहुत सी चीजें देखी हैं, जिसने उनके मानसिक स्वास्थ्य को काफी प्रभावित किया है। नशे की लत से लेकर रिश्तों में विफलता और जेल यह तीनों ही जिंदगी का अहम हिस्सा रहा है, जिन सभी का उन्होंने सामना किया।
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उनकी जिंदगी के बहुत से अध्याय ऐसे थे, जिन्हें उनकी बायोपिक 'संजू' के आने से पहले कोई नहीं जानता था। इस फिल्म में संजय दत्त का किरदार रणबीर कपूर ने बड़ी खूबसूरती के साथ निभाया था। अब ऐसा लगता है कि उनकी जिंदगी पर छाए काले बादल फिलहाल हट गए हैं और वह अपना जीवन स्वस्थ और मजेदार ढंग से जी रहे हैं।
नशे की लत से पहले और बाद की जिंदगी
संजय को कॉलेज के समय से ही नशे की लत लग गई थी। संजू ने एक साक्षात्कार में उस पूरे प्रकरण को याद करते हुए कहा, "किसी ने मुझसे एक बार नशा करने के लिए कहा, मैंने इसे आजमाया और फिर यह मेरे जीवन के अगले नौ वर्षों तक मेरे साथ रहा। मैं हमेशा अपनी दुनिया में रहा करता था। हेरोइन से लेकर कोकीन तक मैंने वह सब कुछ आजमाया जो किताबों में था। मैं सूंघता था और गोलियां भी लेता था। जब मेरा इलाज शुरू होने वाला था तो मैंने आखिरी साल में अपने शरीर में ड्रग्स इंजेक्ट करना शुरू कर दिया था। "
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हाल ही में संजू इस लत से सफलतापूर्वक पार पाने में कामयाब रहे लेकिन वास्तव में यह उनके जीवन के सबसे काले अध्यायों में से एक बन गया। संजय ने इस एक घटना के बारे में बात करते हुए कहा, “मैंने एक दिन हेरोइन ली और सोने चला गया। कुछ देर बाद उठा और उस वक्त मुझे बहुत भूख लग रही थी तो मैंने अपने नौकर से कहा कि मुझे कुछ खाने को दो। मुझे देखकर वह रोने लगे और कहा कि 'बाबा आप दो दिनों के बाद उठे हो। यह सुनकर मैं चौंक गया। मैंने जाकर खुद को आईने में देखा। मेरा चेहरा उस वक्त पीला पड़ गया था और मैं यह जानता था कि अगर मैं अब खुद को नहीं रोकूंगा तो शायद मैं मर जाऊंगा। इसलिए मैं पिताजी के पास गया और उनसे कहा कि मुझे बचा लो। उन्होंने मुझे एक प्रसिद्ध अस्पताल भेजा और उसके तुरंत बाद मुझे अमेरिका के एक पुनर्वास केंद्र भेज दिया गया। ”
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इन सबसे जूझते हुए उन्हें कई मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा और उन्होंने तय किया कि वह फिर जिंदगी में कभी उसे रास्ते पर नहीं जाएंगे। संजय दत्त फिलहाल एक नशा मुक्त और शांत जिंदगी जी रहे हैं। उन्होंने अब अपनी फिटनेस और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना शुरू कर दिया है।
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जेल के दिन और मानसिक स्वास्थ्य
सजय दत्त को 1993 मुंबई ब्लास्ट में हथियार रखने के जुर्म में दोषी करार दिया गया था। उनपर अंडरवर्ल्ड के साथ रिश्तों के भी आरोप लगे थे। उनकी जिंदगी के 23 साल अदालत और जेल के अंदर-बाहर बीते। लेकिन इन सभी ने उन्हें एक अच्छा इंसान बनाया। उन्होंने किसी भी चीज को उन्हें तोड़ने नहीं दिया। इसके बजाए उन्होंने इन सबसे निकलने और सभी उतार-चढ़ाव से लड़ाई लड़ी, जिसने उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाया।
पत्नी मान्यता बनी मजबूत समर्थक
संजय दत्त अपने परिवार के काफी करीब हैं। वह हमेशा से ही एक परिवारिक सदस्य रहे हैं। वह अपने माता-पिता के काफी करीब थे, जिनके निधन ने उन्हें तोड़ कर रख दिया। मां-पिता के निधन उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशान किया, जिसे वह अंदर से टूट गए। लेकिन उनकी पत्नी मान्यता उनके साथ मजबूती के साथ खड़ रहीं और सभी मुश्किलों में उनका समर्थन किया। संजय न केवल एक अच्छे पति और पिता की भूमिका निभा रहे हैं बल्कि एक अच्छे इंसान भी बन चुके हैं।
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