गंजेपन के लिए खानपान और प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन एक नए शोध से यह बात समाने आई है कि गंजेपन के लिए इन सब के अलावा गुरुत्वाकर्षण भी जिम्मेदार होता है।
अंकारा के जाने माने डॉक्टर एमिन टंके उस्तुनेर का कहना है कि गुरुत्वाकर्षण के कारण खोपड़ी की खाल में भीतर की ओर खिंचाव होता है, जिससे पुरुषों के सिर के बाल उड़ जाते हैं। खोपड़ी की खाल का दबाव रोप कूपों पर पड़ता है।
अधिकतर पुरुषों में बाल उड़ने का पैटर्न लगभग एक समान होता है। इसमें किनारों पर बाल रहते हैं और बीच से उड् जाते हैं। डॉक्टर उस्टर्नर का मानना है कि उनकी थ्योरी में जो तथ्य सामने रखे गए हैं, उनके बारे में पहले कभी विचार नहीं किया गया।
गंजेपन के लिए इससे पहले जीन से लेकर हार्मोन से जुड़ी समस्याओं को जिम्मेदार माना जाता रहा है। किसी भी युवा पुरुष में खोपड़ी की खाल के अंदर खासी तादाद में वसा उत्तक होते हैं। वे खुद को नम बनाए रखने में सक्षम होते हैं जिससे रोमकूपों पर दबाव नहीं पड़ता।
लेकिन जब किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, खोपड़ी की खाल और उसके नीचे की वसा अपेक्षाकृत पतली हो जाती है जिससे बालों के आधार पर दबाव बढ़ जाता है।
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