स्वस्थ रहने के लिए और हेल्दी लाइफ जीने के लिए शरीर में हार्मोन्स का संतुलित रहना बेहद जरूरी है। शरीर के अंदर हार्मोन्ल एक तरीके के केमिकल्स हैं, जो बॉडी को कई तरह से कंट्रोल करते हैं और बीमारियों को होने से बचाते हैं। स्किन से लेकर, पाचन, प्रजनन स्वास्थ्य, स्ट्रेस आदि हर चीज को सही रखने में ये हार्मोन्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में शरीर में हार्मोन्ल असंतुलन के कारण कई तरह की बीमारियां और समस्याएं हो सकती है। अक्सर लोगों को लगता है कि सिर्फ गलत खान-पान और ज्यादा स्ट्रेस लेने के कारण हार्मोन्स असंतुलित होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आइए होम्योपैथ और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. स्मिता भोईर पाटिल से जानते हैं कि हार्मोनल असंतुलन के लिए जिम्मेदार कारण क्या-क्या हैं?
हार्मोनल असंतुलन के कारण
1. पर्यावरण से जुड़े कारक
हम लगातार प्रदूषण, कीटनाशकों और सफाई से जुड़ी चीजों के विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आते हैं, जो एंडोक्राइन सिस्टम को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। ये विषाक्त पदार्थ हार्मोन उत्पादन और विनियमन में बाधा डालते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन होता है।
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2. प्लास्टिक कंटेनर
प्लास्टिक में पाए जाने वाले केमिकल, विशेष रूप से BPA (बिस्फेनॉल ए), खाने और पानी में घुल सकते हैं, और शरीर के अंदर जाकर एस्ट्रोजन की नकल कर सकते हैं। शरीर में सिंथेटिक एस्ट्रोजन के बढ़ने के कारण हार्मोन असंतुलित हो सकता है, जिससे महिला और पुरुष दोनों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
3. कॉस्मेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट्स का ज्यादा उपयोग
कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में पैराबेंस, सल्फेट्स और फथलेट्स जैसे हानिकारक केमिकल होते हैं, जिन्हें आपकी स्किन एब्जॉर्ब कर लेती हैं और वे आपके शरीर के अंदर चले जाते हैं। ये केमिकल आपके हार्मोन को बेहतर तरीके से काम करने में समस्या डाल सकते हैं, खासकर जब आप लंबे समय तक इन मेकअप और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं।
4. नींद की कमी
शरीर में अधिकतर हार्मोन्स को संतुलित रहने के लिए जरूरी है कि आप पर्याप्त नींद लें। ऐसे में नींद की कमी आपके शरीर में कोर्टिसोल और इंसुलिन जैसे हार्मोन को प्रभावित करती हैं, जो धीमे चयापचय और तनाव का कारण बन सकते हैं।
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5. ज्यादा स्क्रीन टाइम
देर रात तक मोबाइल फोन, टीवी, और लैपटॉप जैसे गैजेट्स के स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट के संपर्क में ज्यादा रहने से आपके शरीर का नेचुरल सर्कैडियन लय बाधित हो सकता है, जिससे मेलाटोनिन उत्पादन और ओवरऑल हार्मोनल स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इन हार्मोन्स के बिगड़ने से मूड स्विंग से लेकर प्रजनन स्वास्थ्य तक प्रभावित हो सकता है।
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निष्कर्ष
तो सिर्फ हेल्दी डाइट लेने और कम तनाव लेने के कारण ही आपके शरीर में हार्मोन असंतुलित नहीं होते हैं, बल्कि पर्यावरण, प्लास्टिक, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, नींद की कमी और ज्यादा गैजेट्स का इस्तेमाल भी हार्मोनल इंबैलेंस का कारण बन सकता है। इसलिए स्वस्थ रहने और हार्मोन्स को संतुलित रखने के लिए इन 5 चीजों पर भी फोकस करें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने की कोशिश करें।
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