'ये क्या तुमने अपना जानवरों जैसा हाल बना रखा है', 'जानवर हो क्या तुम', 'ऐसा तो जानवर भी नहीं करते हैं' ये कुछ ऐसे वाक्य हैं जो हर व्यक्ति अपने जीवन में इनका प्रयोग करता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपको शायद यकीन न हो। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जानवर अपने सोने के लिए मानव से भी साफ सुथरी जगह का प्रयोग करते हैं।
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अक्सर इंसान को जानवरों से बेहतर बताया जाता है। कहा जाता है कि इंसान सभ्य है और जानवरों की अपेक्षा ज्यादा साफ सुथरे ढंग से रहता है लेकिन हाल ही में हुआ एक शोध इस धारणा को तोड़ने का काम कर रहा है। अगर आपको लगता है कि इंसान अन्य जीवों से अधिक साफ-सुथरा रहता है और ज्यादा साफ-सुथरे बिस्तर पर सोता है तो आप गलत हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वनमानुष इंसान से भी ज्यादा साफ-सुथरे बिस्तर पर सोता है।
यह बात एक शोध में सामने आई है। शोध के अनुसार, मानव के बिस्तर की चादर और तकिए में उनके शरीर के जीवाणु पशुओं के आशियाने से कहीं ज्यादा होते हैं। शोध के प्रमुख लेखक व अमेरिका के कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के डाक्टोरल प्रोग्राम के छात्र मेगन थोएम्मेस ने कहा, ‘मानव के खुद के शरीर के करीब 35 फीसदी जीवाणु उनके बिस्तर में होते हैं जिनमें मल के अलावा मुंह और त्वचा के जीवाणु शामिल हैं।’
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शोधार्थियों के मुताबिक, इसके विपरीत वनमानुष अपना बिस्तर रोज लगाता है जिसमें सूक्ष्म जीवों की विविधता होती है जोकि वृक्षों व पौधों के वातावरण का प्रतीक होता है। यह शोध रॉयल सोसायटी ओपन साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के लिए शोधार्थियों ने तंजानिया में वनमानुष के 41 बिस्तरों व आशियानों के नमूने इकट्ठा किए। थोएम्मेस ने बताया, ‘हमें वनमानुष के आशियाने में कोई सूक्ष्मजीव नहीं मिला। सिर्फ चार बाह्य परजीवी देखने को मिले और वह चार नमूने हैं न कि चार अलग-अगल जीव।’
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