
आपने अक्सर ही बच्चों में किसी काम को लेकर टालमटोल की आदत के बारे में देखा होगा। क्या आप जानते हैं कि बच्चों में यह आदत कहां से आती है? हाल ही में हुए शोध में सामने आया है कि बच्चों में ऐसा व्यवहार का विकास आनुवांशिक कारणों से हो सकता है।
अध्ययन में बताया गया कि टालमटोल करने वाले लोग ज्यादा स्वच्छंद भी हो सकते हैं, और ये दोनों विशेषताएं जीन से जुड़ी हैं। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरेडो बोल्डर के मनोवैज्ञानिक डेनियल गुस्तावसन ने बताया, ''हर व्यक्ति कभी-कभी कामों में विलंब करता है, लेकिन हम यह बताना चाहते हैं कि कुछ लोग अन्यों की अपेक्षा कामों को ज्यादा क्यों टालते हैं और ऐसे लोगो में उतावलापन या बिना सोचे समझे काम करने की संभावनाएं ज्यादा क्यों होती हैं।''
शोधकर्ताओं ने पाया कि स्वच्छंदता की तरह टालने की आदत भी पैतृक है। अध्ययन में पाया गया कि विलंब और स्वच्छंदता की आनुवांशिकता एक जैसी लगती है, कोई आनुवांशिक प्रभाव नहीं है जो अलग हो।
अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने 181 हमशक्ल जुड़वां बच्चों और 166 भ्रात्रीय जुड़वां बच्चों के कुछ परीक्षण किए जिनमें उनकी स्वच्छंदता और विलंब (टालने) की आदतों और लक्ष्य निर्धारित करने और उसे बनाए रखने की क्षमता की जांच की गई।
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