कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों में कई तरह-तरह की समस्याएं देखी जा रही हैं। हाल ही में दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 5 ऐसे केस सामने आए हैं, जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान है। दरअसल, सर गंगाराम अस्पताल में कोविड से ठीक हुए 5 मरीजों के गॉल ब्लैडर में गैंग्रीन की समस्या हुई है। हालांकि, इन मरीजों के गॉलब्लैडर को लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से बाहर निकाल दिया गया है। बता दें कि भारत में अबतक पहली बार इस तरह के मामले सामने आए हैं। इन मरीजों का इलाज जून से अगस्त महीनों तक चला है।
मरीजों के बारे में सर गंगाराम अस्पताल गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी एंड पैनक्रिएटिकोबाइलरी साइंसेज (Gastroenterology and Pancreatobiiliry Sciences Institute of Liver, के अध्यक्ष डॉ. अनिल अरोड़ा ने कहा, "गॉलब्लैडर में गैंग्रीन की समस्या से जूझ रहे 5 मरीजों का सफलता से इलाज किया जा चुका है। इन मरीजों का इलाज जून और अगस्त के बीच चला है। कोविड-19 (Covid-19) से स्वस्थ होने के बाद इन मरीजों के गॉलब्लैडर में बिना पथरी ही सूजन की शिकायत देखने को मिली। इसके बाद जब मरीजों की जांच की गई, तो देखा गया कि इनके पित्ताशय में गैंग्रीन की समस्या पैदा हो गई है। इस स्थिति में इन पांचों मरीजों की तत्काल सर्जरी की गई है।
कोविड के मरीजों को कैसे हो सकता है गॉलब्लैडर में गैंग्रीन?
इस बारे में हमने मनीपाल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी डॉक्टर कुणाल दास से बात की। डॉक्टर कुणाल दास ने बताया कि कई कोविड से ग्रसित मरीजों के ब्लड वेसल्स डैमेज हुए हैं। इस स्थिति में ऐसा हो सकता है कि कोविड के संक्रमण ने गॉलब्लैडर के वेसेल्स को डैमेज कर दिया हो, जिसके कारण गॉलब्लैडर में ब्लड का सप्लाई रूक गया। गॉलब्लैडर में ब्लड सप्लाई रूकने के कारण गॉलब्लैडर में गैंग्रीन (सड़) हो गया। गॉलब्लैडर गैंग्रीन का अर्थ है गॉलब्लैडर का सड़ना (what is gallbladder gangrene)। गॉलब्लैडर में ब्लड सप्लाई खत्म होने के कारण गॉलब्लैडर सड़ सकता है। डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि गॉलब्लैड में गैंग्रीन होने से काफी खतरनाक स्थिति हो जाती है। इसके कारण पूरे शरीर में इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में तुरंत सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
इसे भी पढ़ें - पित्ताशय की पथरी (गॉलब्लैडर स्टोन) होने पर क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज, एक्सपर्ट से जानें पूरी डाइट
गॉलब्लैडर गैंग्रीन होने पर दिखने वाले लक्षण
डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि गॉलब्लैडर गैंग्रीन होने पर मरीजों के शरीर में कुछ इस तरह के लक्षण दिख सकते हैं। जैसे-
- तेज बुखार आना
- पेट का फूलना
- ब्लड प्रेशर गिरना
- सीने में दर्द होना।
- पेट में इंफेक्शन होना।
- उल्टी और मतली होना
- गॉलब्लैडर के आसपास दर्द होना
- बैचेनी होना, इत्यादि।
किन लोगों को होता है गॉलब्लैडर गैंग्रीन होने का खतरा
डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि काफी गॉलब्लैडर में गैंग्रीन की समस्या काफी रेयर है। हालांकि, डायबिटीज और गॉलब्लैडर स्टोन से ग्रसित लोगों में गैंग्रीन होने का खतरा अन्य की तुलना में अधिक रहता है। सबसे अधिक खतरा डायबिटीज मरीजों को रहता है। शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने से गॉलब्लैडर सड़ने की संभावना होती है। इसके अलावा कुछ अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों में इसका खतरा रहता है। जैसे-
- एचआईवी संक्रमण
- संवहनी रोग
- कुल आंत्रेतर पोषण
- लंबे समय तक उपवास करने वाले
- आघात इत्यादि।
कैसे किया जाता है गॉलब्लैडर में गैंग्रीन का इलाज
डॉक्टर कुणाल दास का कहना है कि गॉलब्लैडर में गैंग्रीन होने पर पूरे शरीर में इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है। इस स्थिति में अगर इंफेक्शन पूरे शरीर में फैल गया, तो मरीज की जान जा सकती है। ऐसे में मरीज का तुरंत सर्जरी होना जरूरी है, ताकि पूरे शरीर में इंफेक्शन फैलने से रोका जा सके। इसके बाद शरीर में इंफेक्शन को कम करने के लिए कुछ एंटीबयोटिक्स दवाइयां दी जाती हैं। अगर आपको गैंग्रीन होने की संभावना है, तो जरा सी लापरवाही न बरतें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क कराएं। ताकि सर्जरी के जरिए आपके गॉब्लैडर को शरीर के निकाला जा सके और इंफेक्शन फैलने के खतरे को कम किया जा सके।
ध्यान रखें कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में अगर आपको कोरोना से ठीक होने के बाद किसी भी तरह के लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि आगे होने वाले खतरों से बचा जा सके।
Read More Articles on Other Diseases in Hindi
Read Next
किन लाेगाें काे जरूर लगवाना चाहिए हेपेटाइटिस का टीका? जानें किन्हें रहता है इंफेक्शन का अधिक खतरा
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version