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क्या डायबिटीज रोगियों में गैंग्रीन रोग का जोखिम अधिक होता है? डॉक्टर से जानें

डायबिटीज में व्यक्ति को इंसुलिन रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। इस लेख में जानते हैं कि क्या डायबिटीज की वजह से व्यक्ति को गैंग्रीन होने का जोखिम रहता है?
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क्या डायबिटीज रोगियों में गैंग्रीन रोग का जोखिम अधिक होता है? डॉक्टर से जानें


Can Diabetes Increase Risk Of Gangrene In Hindi: आज के समय में ज्यादातर रोग लाइफस्टाइल की वजह से होते हैं। समय के साथ लोगों की लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव का असर सेहत पर भी देखने को मिलता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि देर रात तक सोने, काम का स्ट्रेस, जंक फूड का नियमित सेवन और लगातार बढ़ता मोटापा डायबिटीज के मुख्या कारक माने जाते हैं। बीते कुछ वर्षों में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के रोगियों में इजाफा देखने को मिला है। डायबिटीज के कारण व्यक्ति को यूरिनरी इंफेक्शन, किडनी की समस्या और हार्ट से जुड़ी समस्या का जोखिम रहता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को भी प्रभावित कर सकता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौरव जैन से जानते हैं कि क्या डायबिटीज की वजह से व्यक्ति को गैंग्रीन क समस्या हो सकती है।

गैंग्रीन क्या है और इसके प्रकार क्या होते हैं? - Risk Of Gangrene In Hindi

गैंग्रीन एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के किसी भाग, जैसे अंग और त्वचा के टिशू डैमेज होने लगते हैं। इसके मुख्य कारणों में अंगों तक ब्लड सर्कुलेशन में कमी माना जाता है। यह समस्या हाथ-पैरों की उंगलियों और पैरों में देखने को मिलती है।

गैंग्रीन को दो प्रकारों में बांटा जा सकता है।

  • ड्राई गैंग्रीन: यह तब होता है जब खून की आपूर्ति बंद हो जाती है, और टिशू सूखने लगते हैं। इसमें सबंधित अंग काले पड़ जाते हैं।
  • वेट गैंग्रीन: यह स्थिति पहले की अपेक्षा अधिक हानिकारक होती है। इसमें इंफेक्शन तेजी से फैलता है। साथ ही, प्रभावित अंग से पस निकलता है।

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डायबिटीज और गैंग्रीन के बीच क्या संबंध होता है? - Connection Between Diabetes And Gangrene

ब्लड शुगर (डायबिटीज) होने पर व्यक्ति को ब्लड प्रेशर और सर्कुलेशन से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। इस स्थिति में गैंग्रीन का जोखिम बढ़ सकता है। इन दोनों के बीच के कनेक्शन को आगे बताया गया है।

  • डायबिटीज की वजह से नसों को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें टिश्यू तक ऑक्सीजन और पोषण तत्व नहीं पहुंच पाते हैं।
  • डायबिटीज के मरीजों के घाव ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की वजह से धीमी गति से भरते हैं। इससे इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है।
  • डायबिटीज जब नसों के प्रभावित करता है, तो इस स्थिति को डायबिटीक न्यूरोपैथी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति को चोट लगने और इंफेक्शन होने पर दर्द महसूस नहीं होता है।
  • डायबिटीज होने पर व्यक्ति के शरीर में बैक्टीरियल इंफेक्शन का जोखिम बढ़ता है, जो गैंग्रीन की वजह बन सकता है।

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Can diabetes lead to gangrene?: डायबिटीज के रोगी को अन्य रोगों से बचाव के लिए ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर और एक्सपर्ट्स लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव की सलाह दे सकते हैं। इस दौरान सिगरेट और शराब से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। बचाव के उपाय अपनाने से रोगी गैंग्रीन व अन्य बीमारियों के जोखिम को आसानी से कम कर सकते हैं। यदि, डायबिटीज की वजह से किसी तरह समस्या हो रही तो इसे नजरअंदाज न करें, ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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