आज के समय में लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। घर, ऑफिस और अन्य कार्यों में लोग इतने व्यस्त हो चुके हैं कि उनको सेहत के लिए समय निकालने का मौका ही नहीं मिल पाता है। डॉक्टर की मानें तो यदि समय रहते संभावित समस्याओं को पता लगाया जाए, तो इससे व्यक्ति का कई गंभीर रोग से बचाव हो सकता है। इसके लिए कंप्लीट फुल बॉडी चेकअप कराने की आवश्यकता होती है। इस लेख में सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर प्रशांत भट्ट से जानते हैं कि फुल बॉडी चेकअप में किन टेस्ट को शामिल किया जाना चाहिए।
फुल बॉडी चेकअप में किन टेस्ट को किया जाना चाहिए - Which Test Include in Full Body Checkup in Hindi
बीपी टेस्ट
हार्ट हेल्थ के लिए बीपी टेस्ट का किया जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को हार्ट डिजीज जैसे स्ट्रोक व हार्ट अटैक होने की संभावना अधिक होती है। ब्लड प्रेशर की नियमित जांच से आप इसके कारण होने वाले वाले अन्य रोगों से बचाव कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल पैनल
कोलेस्ट्रॉल पैनल में आपके ब्लड में एलडीएल (कम डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन), एचडीएल (उच्च डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन), और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को जांच की जाती है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर में अनियंत्रित होने से हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है। फुल बॉडी चेकअप में इसे भी शामिल किया जाता है।
ब्लड ग्लूकोज टेस्ट
डायबिटीज की पहचान करने और उसे मैनेज करने के लिए ब्लड शुगर के स्तर की नियमित जांच की जानी चाहिए। हाई ब्लड शुगर का किडनी की समस्या, नर्वस सिस्टम को डैमेज और दिखाई देने में समस्या हो सकती है। इसमें फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज टेस्ट को शामिल किया जा सकता है।
कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी)
सीबीसी आपके स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इसमें रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की गणना की जाती है। इससे ब्लड से जुड़ी समस्याओं में एनीमिया या इंफेक्शन जैसे रोगों की पहचान हो सकती है।
लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT)
लिवर फंक्शन टेस्ट आपके ब्लड में एंजाइम और प्रोटीन के स्तर की जांच के लिए किया जाता है। ये टेस्ट हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसे लिवर रोगों की जांच करने में मदद कर सकते हैं।
किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT)
इसमें सीरम क्रिएटिनिन और ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (बीयूएन) टेस्ट सहित इस बात की जांच की जाती है कि किडनी आपके ब्लड से अपशिष्ट उत्पादों को कितनी अच्छी तरह फ़िल्टर कर रहा है। इस रिजल्ट से किडनी रोग का पता चलता है।
थायराइड फंक्शन टेस्ट
थायराइड फंक्शन टेस्ट आपके ब्लड में थायराइड हार्मोन (टी3 और टी4) और थायराइड-स्टीम्यूलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) के स्तर की जांच की जाती है। थायराइड डिसऑर्डर मेटाबॉलिज्म, एनर्जी के लेवल और कंप्लीट हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं।
बोन डेंसिटी टेस्ट
बोन डेंसिटी टेस्ट, जैसे कि ड्यूअल एनर्जी एक्स-रे एब्सोर्पटिमेट्री (DEXA) से आपकी बोन हेल्थ का आकलन करता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस की जांच करने में मदद करता है और फ्रैक्चर के जोखिम की पहचान करता है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)
ईसीजी आपके हार्ट की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड करता है। यह हार्ट बीट में अनियमितताओं का पता लगाने के लिए आवश्यक होता है, जो हार्ट डिजीज या अन्य हार्ट संबंधी समस्याओं का संकेत दे सकता है।
इसे भी पढ़ें : जबड़े के कैंसर में क्या लक्षण महसूस होते हैं? डॉक्टर से जानें इलाज का तरीका
फुल बॉडी चेकअप कराने से आपको बीमारी की सही समय पर पहचान होने में मदद मिलती है। इससे समय रहते इलाज शुरू कराया जा सकता है। साथ ही, गंभीर रोग होने की संभावना कम हो सकती है।