महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। भारत में अभी भी महिलाएं पीरियड्स और यौन रोगों से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात नहीं कर पाती हैं। यही कारण है कि जागरूकता की कमी के कारण पीरियड्स कुछ महिलाओं के लिए बहुत परेशानी भरा समय होता है। हाल में फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने फिल्म 'पैडमैन' के जरिए महिलाओं को पीरियड्स में होने वाली समस्याओं और साफ-सफाई के लिए पैड्स के इस्तेमाल के बारे में लोगों को जागरूक किया था। फिल्म के प्रमोशन के दौरान भी अक्षय ने महिलाओं को पीरियड्स के दौरान हाइजीन के बारे में बताया था।
क्या होता है मासिक धर्म
मासिक धर्म जिसे महावारी, मेन्सुरेशन, पीरियड्स और महीना जैसे कई नामों से जाना जाता है। लेकिन इस बारे में आज भी भारतीय समाज में बात करना वर्जित माना जाता है। जबकि यह एक ऐसी चीज है जिससे हर महिला को हर महीने गुजरना पड़ना है। इसका महत्व आप भी जानते हैं, फिर भी हमारे समाज में इसे अछूत नजरिए से देखा जाता है। गांवों और आदिवासी इलाकों में लोग इसे एक बीमारी की तरह देखते हैं, जिसकी वजह से लड़कियों और महिलाओं को कई दिक्कतों से गुजरना पड़ता है।
लोग नहीं चाहते बात करना
भले ही आज 2018 चल रहा हो लेकिन स्थिति आज भी 20वीं शताब्दी की तरह ही है। यानि कि आज भी लोग मासिक धर्म के मुद्दे पर बात करने से बचते हैं। स्थिति यह है कि अगर कुछ लोग विशेषकर महिला इस मुद्दे पर बात करती है तो उसे सही नहीं समझा जाता है। आज भी एक लड़की दुकान पर सैनेटरी नैपकिन लेने जाती है तो दुकानदार उसे छुपा कर कागज में लपेटकर काले बैग में देता है। मासिक धर्म को लेकर न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी बात करने से शर्माती हैं। यहां तक कि जब युवा हो रही लड़कियों को पहली बार पीरियड्स होने शुरू होते हैं तो मां अपनी बेटी से इस मामले में बात करने से कतराती हैं। यहां तक कि किचन हो या फिर मंदिर सभी जगह जाने उसके जाने पर रोक लगा दी जाती है।
पीरियड्स पर अक्षय कुमार की राय
बॉलीवुड एक्टर फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले अक्षय कुमार कहते हैं कि उनकी पत्नी टिविंक्ल खन्ना खुद अपने बेटे को पीरियड्स के बारे में बताती हैं। वह कहते हैं कि इस मुद्द पर खुली चर्चा होनी चाहिए। यह प्राकृतिक चीज है जिसमें महिलाओं को या किसी भी व्यक्ति को शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए। वहीं, करीना कपूर ख़ान ने बहुत पहले ही इस विषय पर कहा था कि पीरियड बंद दरवाजों के पीछे बात करने का सब्जेक्ट नहीं है। मीडिया इस पर खुल कर बात करे।
इसे भी पढ़ें : पीरियड्स में होते हैं रैशेज, तो कभी ना करें ये 2 गलतियां
आज नहीं होनी चाहिए मंदिरों में नो 'एंट्री'
मासिक धर्म को लोग इतना अपवित्र समझते हैं कि इस दौर से गुजरने वाली महिलाओं को किचन और विशेषकर मंदिर में जाने से एकदम मना किया जाता है। भले ही लोगों को इसके पीछे का कारण ना पता हो लेकिन एक दूसरे की देखादेखी और धर्म के ठेकेदार पीरियड्स के वक्त महिलाओं को मंदिर में जाने से रोकते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि पहले के समय में लोग हाइजीन को लेकर इतने जागरुक नहीं थे और गंदगी के अभाव में मंदिर और किचन में जाने से मना किया जाता था। लेकिन जब आज सेनेट्री पैड हैं और हर कोई साफ-सफाई का ध्यान रखता है तो महिलाओं के साथ ऐसा नहीं किया जाना चाहिए?
अगर समाज मासिक धर्म से जुड़ी सोच से उबरना चाहता है तो इसकी शुरुआत हमें अपने घरों से करनी होगी। हमें अपने बच्चों को शुरू से ही एक लड़की के शरीर में होने वाले बॉयोजिकल बदलावों के बारे में जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि ये समझना बहुत जरूरी है कि पीरियड्स कुछ नहीं बस लड़कियों के शरीर में होने वाले जैविक बदलावों में से एक हैं और यह बहुत जरूरी है।
इसे भी पढ़ें : अगर पेट में होता है ऐसा दर्द, तो समझे बच्चेदानी में है सूजन
क्या कहते हैं अक्षय कुमार और अन्य सेलेब्स
अभिनेत्री ज़रीन ख़ान कहती हैं कि उन्होंने पीरियड की वजह से कभी कोई शूटिंग कैंसिल नहीं की है क्योंकि उनके मुताबिक यह तो हर महीने का पंगा है। ज़रीन कहती हैं कि पीरियड को पता नहीं लोग इतना गंभीर क्यों बना देते हैं, यह तो एक सहज और सामान्य नेचुरल प्रक्रिया है। मजबूत होती हैं क्योंकि दर्द सहने की उनकी ट्रेनिंग पीरियड के दौरान हो जाती है। तापसी ने यह भी कहा कि शूटिंग के दौरान वो पीरियड टालने के लिए कई बार दवा ले लेती हैं। तापसी यह कहना भी नहीं भूलतीं कि पीरियड में हर्ट अटैक के बराबर दर्द होता है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Women Health In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version