
हाल ही में हुई एक स्टडी में इस बात का दावा किया गया है कि जरूरत से ज्यादा प्रोसेस्ड फूड, ब्रेकफस्ट में इस्तेमाल होने वाला अनाज जिसमें चीनी की मात्रा अधिक होती है, चिकन नगेट्स, पिज्जा और पहले से स्लाइस की हुई ब्रेड का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ब्राजील और फ्रांस के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि विकसित देशों में एक औसत व्यक्ति के खाने का 50 फीसदी हिस्सा फास्ट फूड और रेडी टू ईट मील्स होते हैं और इन्हीं से कैंसर का रिस्क बढ़ता है। पैरिस के सोबॉन और यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो की टीमों ने अपनी रिसर्च में पाया कि अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड यानी जरूरत से ज्यादा परिष्कृत भोजन के सेवन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जिससे ओवरऑल कैंसर का रिस्क 12 प्रतिशत बढ़ गया है। रिसर्च में यह बात भी सामने आयी है कि इस तरह के खाने के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 11 प्रतिशत बढ़ जाता है।
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इस रिसर्च के नतीजे ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश हुए हैं। यह रिसर्च के सर्वे पर आधारित थी जिसमें फ्रांस के 1 लाख 4 हजार 980 स्वस्थ वयस्कों को शामिल किया गया था जिनकी औसत उम्र 43 के आसपास थी। इस सर्वे में शामिल लोगों द्वारा 3 हजार 300 अलग-अलग तरह के फूड आइटम्स खाने की आदत को भी शामिल किया गया था। इन फूड आइटम्स को अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया था जिसमें इन आइटम्स के प्रोसेसिंग का स्तर भी शामिल था। साथ ही सर्वे में शामिल प्रतिभागियों की उम्र, जेंडर, शिक्षा का स्तर, वे धूम्रपान करते हैं या नहीं और परिवार में कैंसर की हिस्ट्री है या नहीं इन बातों को भी जोड़कर देखा गया।
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एक तरफ जहां कैंसर के बढ़ते रिस्क और अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड के ज्यादा सेवन के बीच संबंध पाया गया, वहीं कम प्रोसेस्ड फूड जैसे- डिब्बाबंद सब्जियां, चीज और फ्रेश ब्रेड का कैंसर के साथ संबंध है इसका कोई प्रमाण नहीं मिला। हालांकि अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस स्टेज पर यह सिर्फ निरीक्षण वाली स्टडी है और इससे कोई ठोस नतीजे नहीं निकाले जा सकते कि अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड के सेवन और कैंसर के रिस्क के बीच कोई गहरा संबंध है।
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