आंखों से चश्मा हटाने को लेकर चर्चा में आए Pres Vu आई ड्रॉप का दावा भ्रामक, कंपनी ने दी गलत जानकारी

Pres Vu eye drops: प्रेसवू आई ड्रॉप इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। अब डॉक्टर्स का कहना है कि इस ड्रॉप को लेकर कंपीन ने गलत जानकारी दी है।
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आंखों से चश्मा हटाने को लेकर चर्चा में आए Pres Vu आई ड्रॉप का दावा भ्रामक, कंपनी ने दी गलत जानकारी


Pres Vu eye drops: प्रेसवू आई ड्रॉप इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस आई ड्रॉप को दुनिया का पहला ऐसा ड्रॉप बताया जा रहा है, जो आंखों से चश्मे को हटाने में प्रभावी हो सकता है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह आई ड्रॉप आंखों में डालने से पढ़ते समय लगाए जाने वाला नजर का चश्मा उतर जाएगा। एन्टोड फ़ार्मास्युटिकल्स (Entod Pharmaceuticals) ने कथित तौर पर मंगलवार को इस आई ड्रॉप को लॉन्च किया है। लेकिन अब इस फ़ार्मास्युटिकल्स कंपनी द्वारा Pres Vu को लेकर किए गए दावों को गलत ठहराया जा रहा है।  

आई ड्रॉप से नहीं हटेगा नजर का चश्मा 

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने इस आई ड्रॉप को मंजूरी दी थी। जिसके बाद इसे लॉन्च किया गया था। यहां तक कि Pres Vu आई ड्रॉप की कीमत भी 350 रुपये निर्धारित कर दी गई थी। जो जल्दी बाजार में उपल्बध होने वाली थी। लेकिन अब डॉक्टर्स इस आई ड्रॉप को लेकर तमाम सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि दुनिया में ऐसा कोई भी आई ड्रॉप नहीं है, जो आंखों से चश्मा हटा दे। डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह ड्रॉप आंखों के लिए सुरक्षित नहीं है और न ही यह स्थायी रूप से चश्मे को हटाने में कारगर होगी। 

आंखों के लिए नहीं होगी सुरक्षित

मेडिकल प्रोफेश्नल्स का कहना है कि यह आई ड्रॉप स्थायी रूप से चश्मा हटाने के लिए बिलकुल नहीं बनी है। यह कुछ समय तक भले ही आपका चश्मा उतारने में मददगार हो सकती है, लेकिन पर्मानेंट तौर पर बिलकुल नहीं। कंपनी का दावा है कि इस आई ड्रॉप को डालने के बाद 6 घंटे तक इसका असर दिख सकता है। यानि स्थायी रूप से चश्मे से छुटकारा पाने के लिए आपको यह आई ड्रॉप हर 6 घंटे में डालनी होगी। ऐसा करने के गंभीर नुकसान हो सकते हैं। कुछ मामलों में रेटिना को भी नुकसान पहुंच सकता है। 

बिना डॉक्टर की सलाह के न करें इस्तेमाल 

मैक्स हॉस्पिटल साकेत, नई दिल्ली के ऑप्थल्मोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. चारू मित्तल ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया कि प्रेसवो में इस्तेमाल किए जाने वाला पिलोकार्पीन 75 सालों से ग्लोकोमा के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस आईड्रॉप को लेकर उठाए जा रहे सवालों के बीच पूरी तरह से यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि यह आई ड्रॉप आंखों के लिए नुकसानदायक होगा या नहीं। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक बिना डॉक्टर की सलाह या जानकारी के अभाव में आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस आई ड्रॉप पर अभी और रिसर्च की जरूरत है। 

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