
आपके बच्चों को सिर्फ पिज्ज, बर्गर और अन्य जंक फूड का सेवन करते हैं, तो इसके पीछे की वजह फेसबुक हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, सोशल मीडिया वेबसाइटों के कारण किशोरों के बीच जंक फूड लोकप्रिय हो रहा है। सोशल मीडिया का जंक फूड के प्रचार और विज्ञापन में बड़ा हाथ होता है।
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के शोधकर्ताओं ने का कहना है कि कम पोषक वाले खाद्य पदार्थों का प्रचार सोशल मीडिया पर खास तौर पर उस वर्ग को ध्यान में रखकर किया जाता है, जिनकी इन चीजों में ज्यादा दिलचस्पी है।
शोधकर्ताओं ने सबसे प्रसिद्ध फूड एवं बेवेरेज ब्रांड के फेसबुक पेज पर गौर किया और पाया कि कम पोषक और ऊर्जा हीन खाद्य पदार्थों की उत्पादक कंपनियां युवा और किशोरों को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। अध्ययन में यह भी पता चला कि कंपनी की ओर से साझा किए गए पोस्ट और सामग्रियां उन फेसबुक उपभोक्ताओं द्वारा सबसे ज्यादा साझा की जाती हैं, जो अस्वास्थ्यकर खाद्य कंपनियों के नियमित ग्राहक होते हैं।
प्रमुख शोधकर्ता बेकी फ्रीमैन ने कहा है कि ये खाद्य कंपनियां जब सोशल मीडिया वेबसाइटों पर कोई इनामी प्रतियोगिता या प्रतिस्पर्धा आयोजित करती हैं, तो फेसबुक उपभोक्ताओं की भागीदारी काफी बढ़ जाती है। यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुआ है।
Read Next
अब मिनटों में होगी इबोला की जांच
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version