आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। कामकाज का प्रेशर, जीवन की आपाधापी में लोग खुद का ध्यान रखना भूल जाते हैं। मॉडर्न लाइफस्टाइल ने इंसान का काम आसान तो किया है लेकिन इसके कई नकारात्मक पहलू भी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक रोजाना घंटों बैठकर काम करने की वजह से लोगों को कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लगातार घंटों तक कुर्सी पर बैठकर काम करने वाले लोग अक्सर हिप्स के सुन्न हो जाने की समस्या का सामना करते हैं। इस समस्या को डेड बट सिंड्रोम कहते हैं। डेड बट सिंड्रोम के कारण देर तक बैठे रहने से कुल्हे और उसके आसपास का हिस्सा सुन्न हो जाता है। अगर आपको भी यह समस्या हो रही है तो इसके बचाव के लिए कुछ एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं। ये व्यायाम डेड बट सिंड्रोम की समस्या में काफी लाभदायक माने जाते हैं।
क्या है डेड बट सिंड्रोम की समस्या? (Dead Butt Syndrome)
इससे पहले कि हम आपको हिप्स के सुन्न हो जाने से छुटकारा पाने के लिए एक्सरसाइज के बारे में बताएं आपको डेड बट सिंड्रोम के बारे में भी जरूर जान लेना चाहिए। डेड बट सिंड्रोम ऐसे लोगों को ज्यादा होता है जो लगातार घंटों तक एक ही जगह पर बैठ कर काम करते हैं। इसके अलावा यह समस्या कई एथलीट्स और बेले डांसर को भी हो सकती है। दरअसल जब आप कुर्सी या किसी अन्य चीज पर लगातार घंटों तक बैठकर काम करते हैं तो यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कूल्हों के सुन्न होने के अलावा डेड बट सिंड्रोम के कारण आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द और गर्दन दर्द की भी समस्या हो सकती है। डेड बट सिंड्रोम को Gluteal Amnesia भी कहते हैं। हालांकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन इसके ज्यादा दिनों तक रहने से आपको कई अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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डेड बट सिंड्रोम की समस्या से निजात पाने के लिए एक्सरसाइज (Exercises to Combat Dead Butt Syndrome)
नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि या एक्सरसाइज करने से आपका शरीर फिट और स्वस्थ रहता है। योग और एक्सरसाइज का अभ्यास शरीर को रोगमुक्त और फिट रखने के लिए जरूर करना चाहिए। कई सारी ऐसी समस्याएं हैं जो सिर्फ शारीरिक रूप से एक्टिव न होने के कारण होती हैं। इसी तरह से डेड बट सिंड्रोम भी ऐसे लोगों को ज्यादा होता है जो शारीरिक गतिविधि या एक्सरसाइज न के बराबर करते हैं। डेड बट सिंड्रोम की समस्या में ज्यादा देर तक बैठे रहने के कारण कूल्हे और उसके आसपास का हिस्सा सुन्न हो जाता है। इस समस्या के गंभीर होने पर दर्द भी हो सकता है। डेड बट सिंड्रोम यानी कूल्हों के सुन्न हो जाने की समस्या से बचने के लिए आप इन एक्सरसाइज का अभ्यास कर सकते हैं।
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1. ग्लूट ब्रिज (Glute Bridge)
ग्लूट ब्रिज एक्सरसाइज का नियमित रूप से अभ्यास करने से आपके गलुट्स अधिक सक्रिय और मजबूत होते हैं। हिप्स की मांसपेशियों को लचीला और स्वस्थ बनाये रखने के लिए इस एक्सरसाइज का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। ग्लूट ब्रिज का अभ्यास करने से आपकी कमर और पेट की मांसपेशियों को भी फायदा मिलता है। ग्लूट मसल्स के लिए फायदेमंद मानी जानी वाली ये एक्सरसाइज आपके वर्कआउट की प्रभावशीलता को भी बढ़ाने का काम करती है। रोजाना इसका अभ्यास करने से आपकी कोर मसल्स भी मजबूत होती हैं। इसके आलावा ग्लूट ब्रिज का अभ्यास आपको तनाव मुक्त रखने में मदद करता है।
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ग्लूट ब्रिज का अभ्यास करने का तरीका (How To Do Glute Bridge Exercise?)
- ग्लूट ब्रिज वर्कआउट करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं।
- अब अपने दोनों हथेलियों को हिप्स के बगल में रखें।
- इसके बाद घुटनों को मोड़ते हुए बट को हवा में ऊपर उठाएं।
- ऊपर ग्लूट को स्ट्रेच करते हुए नीचे की तरफ लाएं।
- इस तरह से हिप्स को 10 से 15 बार ऊपर और नीचे की तरफ ले जाएं।
- धीरे-धीरे आप रेप्स की संख्या बढ़ा सकते हैं।
2. प्रोपेलिंग रनिंग ड्रिल (Propelling Running Drill)
रनिंग ड्रिल आपकी शरीर की मांसपेशियों को मजबूती देने के साथ-साथ स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है। दौड़ने के पैटर्न पर आधारित यह एक्सरसाइज पूरे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। इस एक्सरसाइज की सहायता से आप अपने शरीर का संतुलन ठीक रखने में सफल हो सकते हैं। दौड़ने से पहले रोजाना इसका अभ्यास आपकी दौड़ के फॉर्म को भी बेहतर करने में मदद करता है। डेड बट सिंड्रोम यानी हिप्स के सुन्न हो जाने की समस्या में भी इसका अभ्यास बहुत फायदेमंद हो जाता है।
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प्रोपेलिंग रनिंग ड्रिल करने का तरीका (How To Do Propelling Running Drill?)
- रनिंग ड्रिल का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले दौड़ने के फॉर्म में खड़े हो जायें।
- अब अपने दाहिने पैर के ऊपर खड़े होते हुए बाएं पैर को पीछे की तरफ ले जाएं।
- इसके बाद बाएं पैर को पीछे ले जाते हुए हवा में रखें।
- अब अपने पैर को जिस प्रकार दौड़ते समय आगे पीछे ले जाते हैं उसी तरह आगे की तरफ लाएं।
- आगे लाने के बाद पैर को ऊपर छाती की तरफ उठाएं।
- इसके बाद अपने शरीर के बैलेंस को संभालते हुए दोनों पैरों से बारी-बारी अभ्यास करें।
- इसके एक सेट में 15 से 30 रेप्स लगा सकते हैं।

3. सूमो स्क्वाट (Sumo Squat)
सूमो स्क्वाट का रोजाना अभ्यास डेड बट सिंड्रोम में बहुत फायदेमंद होता है। पैरों और कमर व हिप्स की मांसपेशियों को टोन और मजबूत करने के लिए इसका अभ्यास बहुत अच्छा माना जाता है। सूमो स्क्वाट का रोजाना अभ्यास करने से शरीर को उर्जा मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
कैसे करें सूमो स्क्वाट का अभ्यास? (How To Do Sumo Squat?)
- दोनों पैरों को अलग करके खड़े हो जाएं।
- अब अपने पैरों को बाहर की तरफ मोड़ लें।
- इसके बाद अपने हाथों को सीने से लगाकर पकड़ लें।
- कूल्हों को पीछे ले जाते हुए पीठ को सीधा रखें और नीचे की तरफ झुकें।
- एड़ी पर जोर डालते हुए जांघ को स्ट्रेच करें।
- इस प्रक्रिया को दोहराएं।
4. हाई नीज (High Knees Exercise)
कमर और हिप्स की मांसपेशियों को साथ पैरों और घुटनों को मजबूत रखने के लिए हाई नीज एक्सरसाइज का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसका अभ्यास शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने का काम करता है। हिप फ्लेक्सर्स को मजबूत करने के साथ-साथ शरीर के निचले हिस्से में लचीलापन लाने के लिए हाई नीज का अभ्यास जरूर करें।
कैसे करें हाई नीज का अभ्यास? (How To Do High Knees Exercise?)
- अपने दोनों पैरों को हिप्स के बराबर रखते हुए खड़े हों।
- अब हाथों को कोहनी से मोड़कर ऊपर कंधों तक ले जाएं।
- इसके बाद अपने पैरों को मोड़ते हुए घुटनों को ऊपर की तरफ ले जाएं।
- इस तरह से दोनों पैरों को मोड़कर ऊपर और नीचे करें।
- रोजाना लगभग 100 रेप्स करें।

ये एक्सरसाइज डेड बट सिंड्रोम की समस्या में बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं। इसके अलावा ग्लूट मसल्स और हिप फ्लेक्सर्स को मजबूत बनाने के लिए भी इन एक्सरसाइज का रोजाना अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। अप अगर डेड बट सिंड्रोम की समस्या से पीड़ित हैं तो इनका रोजाना अभ्यास जरूर करें। शुरुआत में इनका अभ्यास करते समय जरूरी सावधानियों का ध्यान रखें या एक्सपर्ट की सहायता लें।
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