आहार में पर्याप्त पोषण की कमी के कारण लोगों को कई तरह के रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी की वजह से व्यक्ति को थकान व कमजोरी महसूस हो सकती है। इसके अलावा कई बार कुछ लोगों को पैरों में सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस रोग को एडिमा कहा जाता है। इसमें शरीर के टिश्यू में फ्लूयड इकट्ठा होने लगता है। यह समस्या मुख्य से पैरों में ही दिखाई देती है। लेकिन, कुछ मामलों में यह आपके चेहरे, हाथों और पेट में भी हो सकती है। नवी मुंबई के मेडीकवर अस्पताल के कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर निखिल वारगे से जानते हैं एडिमा होने के क्या कारण होते हैं?
एडिमा के क्या कारण होते हैं? Causes Of Edema in Hindi
एडिमा होने के कई कारण होते हैं। इस समस्या के हल्के लक्षण समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। एडिमा में शरीर के अंगों का आकार सूजन के कारण बढ़ जाता है। इससे रोजाना के कार्यों को करने में परेशानी होती है। ऐसे में व्यक्ति को लंबे समय तक खड़े होने या बैठने में परेशानी होती है। आगे आपको एडिमा के कुछ मुख्य कारण बताए गए हैं।
फ्लूयड रिटेंशन
एडिमा होने का सबसे मुख्य कारण होता है शरीर में फ्लूयड रिटेंशन होना। आहार में सोडियम अधिक लेना या प्रेग्नेंसी व पीरियड्स के समय हार्मोनल बदलाव के कारण इस तरह की स्थिति ट्रिगर हो सकती है।
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नसों में खराबी
नसों में खराबी के आपके ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकते हैं। जिसकी वजह से पैरों में रक्त इकट्ठा होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे पैरों में सूजन आ सकती है। यह समस्या डीप वेन थ्रोमबोसिस, वैरिकोज वेन्स और कॉन्जेस्टिव हार्ट फेलियर में आपको एडिमा को बढ़ा सकता है।
लिम्फ नोड में समस्या
लिम्फ नोड टिश्यू से अतिरिक्त फ्लूयड को बाहर निकालने में सहायक होती है। लेकिन, जब लिम्फ नोड में समस्या आती है, तो इससे फ्लूयड निकालने की प्रक्रिया रुक जाती है या प्रभावित होती है। ऐसे में व्यक्ति को एडिमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
इंफ्लेमेटेरी रिस्पॉन्स
किसी तरह की चोट या पुराने इंफेक्शन के कारण भी शरीर में सूजन आ सकती है। गठिया व अन्य समस्याओं में शरीर में सूजन हो सकती है, ऐसे में आपको फ्लूयड रिटेशन की समस्या हो सकती है।
किडनी और लिवर में समस्या
किडनी और लिवर की समस्या में शरीर की कार्यप्रणाली बाधित हो जाती है। किडनी फ्लूयड रिटेशन की समस्या को कम करती है। लेकिन किडनी में समस्या होने पर फ्लूयड रिटेशन होने लगता है। जिससे सूजन की समस्या हो सकती है।
एडिमा की जांच कैसे करें? How To Diagnosed Edema in Hindi
एडिमा की जांच में डॉक्टर सबसे पहले मरीज की फैमली हिस्ट्री को जानते हैं। इसके अलावा, स्किन में आए बदलाव की पहचान की जाती है। इसके साथ ही, व्यक्ति के खून की जांच की जाती है। इस जांच में किडनी और लिवर के फंक्शन पर ध्यान दिया जाता है। अगर आवश्यकता होती है, तो डॉक्टर एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और एमआरआई करने की सलाह दे सकते हैं।
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इस रोग में सूजन को करने के लिए दवाएं दी जाती है। दवाओं के माध्यम से एडिमा के कारणों को कम करने का प्रयास किया जाता है। इस रोग को कम करने के लिए आप डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं।