World Chocolate Day: विश्व चॉकलेट दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें इस दिन का दिलचस्प इतिहास

World Chocolate Day 2023: क्या आप जानते हैं चॉकलेट पहली बार कब बनी थी? विश्व चॉकलेट डे स्पेशल में आज जानें इस दिन का महत्व और इतिहास। 
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World Chocolate Day: विश्व चॉकलेट दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें इस दिन का दिलचस्प इतिहास

World Chocolate Day 2023: हर साल आज के दिन यानी 7 जुलाई को दुनिया भर में विश्व चॉकलेट दिवस यानी वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाया जाता है। बच्चे हो या बड़े, शायद कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जिसे चॉकलेट पसंद न हो। इस बेहतरीन फूड के हम सभी दीवाने हैं। जब भी कुछ मीठा खाने की इच्छा होती है, तो हम में से ज्यादातर लोगों के लिए चॉकलेट पहली पसंद होती है। सिर्फ मीठे क्रेविंग को दूर करने के लिए ही नहीं, जब अपने किसी करीबी को कोई गिफ्ट देने की बात आती है और उसे देने के लिए कोई भी तोहफा समझ नहीं आता है, तो ऐसे में भी सबसे ज्यादातर लोग चॉकलेट देने की विकल्प ही चुनते हैं। लोगों के बीच आपसी मतभेदों और झगड़े शांत करने का भी यह एक बेहतरीन तरीका है। जब आप किसी को चॉकलेट देते हैं, तो इसे आपके रिश्तों में सुधार होता है और प्यार बढ़ता है। इसके सेवन से भी मूड में सुधार होता है, गुस्सा शांत और चिड़चिड़ापन दूर होता है। इस अद्भुत और स्वादिष्ट चॉकलेट के अनगिनत लाभ हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, आखिर वर्ल्ड चॉकलेट क्यों मनाया जाता है? आखिर इसके पीछे का इतिहास क्या है? इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

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विश्व चॉकलेट दिवस महत्व क्या है- Significance Of World Chocolate Day In Hindi

चॉकलेट को दुनिया के सबसे प्रिय व्यंजनों में से एक है। जब भी इस अद्भुत फूड का जिक्र होता है, तो यह सार्वभौमिक प्रेम और प्रशंसा की याद दिलाता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस एक ऐसा दिन है, जिस दिन हम सांस्कृतिक सीमाओं से परे चॉकलेट को आनंदमय उत्सव के रूप में एंजॉय करते हैं। चॉकलेट को आनंद, भोग और उत्सव का प्रतीक माना जाता है। इसलिए यह दिन हमारे जीवन में बहुत विशेष महत्व रखता है है। इसलिए विश्व भर में 7 जुलाई को वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाया जाता है।

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विश्व चॉकलेट दिवस का इतिहास- World Chocolate Day History In Hindi

बहुत कम लोग ही हैं, जो यह जानते हैं कि चॉकलेट आखिर किस तरह बनाई जाती है। आपको बता दें कि चॉकलेट को कोको के पेड़ के फल से बनाया जाता है। चॉकलेट के इतिहास की बात करें, तो इसकी खोज 2000 साल पहले अमेरिका के रेन फॉरेस्ट में की गई थी। दरअसल, कोको पेड़ के फल में बीज होते हैं, जिनका प्रयोग करके चॉकलेट बनाई जाती है। शुरुआत में मैक्‍सि‍को और मध्य अमेरिका में ही चॉकलेट बनाई जाती थी। सन् 1528 में स्पेन ने मैक्‍सि‍को पर कब्जा कर लिया। इस दौरान स्पेन का राजा अपने साथ भारी मात्रा में कोको के बीज और चॉकलेट बनाने के यंत्रों को अपने साथ ले गया। इसके कुछ समय बाद ही चॉकलेट स्पेन के लोगों की पसंदीदा ड्रिंक बन गई थी।

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हालांकि, शुरुआत में चॉकलेट स्वाद में कड़वी होती थी। बाद में चॉकलेट में फ्लेवर जोड़ने के लिए इसमें शहद, वनीला, चीनी के साथ ही कई अन्य चीजों का प्रयोग किया जाने लगा। चॉकलेट के साथ इन सामग्रियों का प्रयोग करके कोल्ड कॉफी तैयार की गई। उसके बाद डॉक्टर सर हैंस स्लोन ने इसे सख्त चॉकलेट के रूप में इसे खाने योग्य बनाया। सन् 1828 में डच केमिस्ट कॉनराड जोहान्स वान हॉटन नामक व्यक्ति ने एक चॉकलेट बनाने की मशीन तैयार की, जिसका नाम कोको प्रेस रखा गया। फिर 1848 में ब्रिटिश चॉकलेट कंपनी जे. एर फ्राई एंड संस ने पहली बार कोको में मक्खन, दूध और चीनी मिक्सक करके इसे ठोस रूप देने का कार्य किया और पहली बार ठोस चॉकलेट बनाई।

All Image Source: Freepik

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